उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 14 फरवरी को समाप्त हो चुकी है और अब सभी सियासी दलों को 10 मार्च का बेसब्री से इंतजार है। चुनाव के नतीजे आने से पहले ही बीजेपी और कांग्रेस सभी अपनी-अपनी जीत को लेकर दावे ठोक रहे हैं। इस बार चुनाव में कांटे की टक्कर होने वाली है। इस बीच राजनितिक पार्टियों में भगदड़ तेज हैं कि कांग्रेस अपने बड़े और जाने माने नेताओं को राजस्थान या छत्तीसगढ़ भेज सकती है।
इसी चुनावी रणनिति में मची हुई घमासान के बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ऐसी किसी भी संभावना से साफ मना कर रहे हैं। गोदियाल का कहना हैं कि उन्हें किसी बात डर नहीं है, लेकिन भाजपा येन केन प्रकरण सत्ता हासिल करना चाहती है। उत्तराखंड में कांग्रेस दूध की जली है, इसलिए छांछ भी फूंक-फूंक कर पीना चाहती है।
चुनावी रण में अगर कयासबाजियां तेजी से हो रही हैं कि उसने अपने जिताऊ प्रत्याशियों को कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान व छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी कर ली है तो इसे कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी। स्वयं गोदियाल कह रहे हैं कि 2016 में भाजपा ने जो किया, वह बताता है कि वह हर हाल में सत्ता प्राप्त करना चाहती है। वह कर्नाटक, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि भाजपा के लिए सत्ता के आगे कोई नैतिकता नहीं है।