मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट इन दिनों खासी चर्चा में है. यहां से सपा कभी नहीं हारती. इसके पीछे की वजह है यादव वोटर. यादव बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद इस बार सपा खेमे में खासी चिंता देखी जा रही थी. दरअसल, इस सीट पर 50 फीसदी यादव वोट तो हैं लेकिन ये घोषी यादव और कमरिया यादव के बीच बंटा हुआ है. यही सपा के लिए सिरदर्द है. कभी अभेद किला मानी जाने वाली करहल सीट को अखिलेश ने चुन तो लिया लेकिन इस बार उनके अंदर हार का डर देखा जा रहा था. मगर, समय रहते अखिलेश ने इसका तोड़ ढूंढ लिया और घोषी यादव और कमरिया यादव के सामने उनके नेता मुलायम सिंह यादव को लाकर खड़ा कर दिया. उन मुलायम सिंह यादव को जो इन दिनों शारीरिक रूप से काफी बीमार चल रहे हैं. लेकिन, बेटे के लिए पिता ने ढाल बनने में जरा भी देरी नहीं की. और पूरे कुनबे के साथ करहल में बेटे के लिए बैसाखी बन कर खड़े हो गए. इसमें कोई दोहराय नहीं कि करहल में मुलायम सिंह यादव का अपार जन समर्थन है. नेता जी की एक आवाज पर पूरा समीकरण बदल जाता है. यही वजह रही कि करहल में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव के लिए वोट की अपील क्या की, मानो इन बंटे यादवों को जोड़ने का मंत्र फूंक दिया. मुलायम का जादू ऐसा चला कि लोग अखिलेश के लिए नारे लगाने लगे. अखिलेश को भी समझ आ गया कि पिता के बिना उनके लिए ये लड़ाई इतनी आसान नहीं थी. पिता मुलायम सिंह यादव ने पूरे कुनबे के साथ करहल पहुंचकर ये भी संदेश दे दिया कि यादव परिवार एकजुट है. करहल में तीसरे चरण में 20 खरवरी को मतदान होना है. ऐसे में चुनाव से ऐन पहले करहल पहुंचकर मुलायम सिंह ने पूरा समीकरण ही अपने बेटे के पक्ष में मोड़ दिया. इस सीट पर अखिलेश यादव के सामने बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल मैदान में हैं.
नुकसान की संभावना क्यों है?
अब जरा ये समझिए कि आखिर यादवों में कितने गौत्र होते हैं और इस सीट पर यही यादव वोटर चिंता क्यों बन रहे थे. दरअसल, करहल में यादवों में घोषी और कमरिया गोत्र होते हैं. मुलायम सिंह यादव का परिवार कमरिया गोत्र से है. इसी गोत्र के वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. लेकिन घोषी गोत्र वाले यादवों की संख्या इतनी तो है कि चुनाव में सपा को थोड़ा नुकसान पहुंचा सके. और इसी नुकसान से बचने के लिए अखिलेश ने अपना आखिरी दांव यानी तुरप का इक्का चला और मतदान से पहले पिता मुलायम सिंह यादव को करहल की जनता के सामने लाकर खड़ा कर दिया.
अब जरा ये समझिए की करहल सीट पर किस जाति के कितने वोटर हैं. किस जाति के कितने वोटर?
कुल वोटर- लगभग 3 लाख 71 हजार
यादव- 1 लाख 44 हजार
शाक्य- 34 हजार
राजपूत – 25 हजार
जाटव – 33 हजार
पाल – 16 हजार
ब्राह्मण – 14 हजार
मुस्लिम – 14 हजार
लोधी – 10 हजार