गोरखपुर के तारामंडल क्षेत्र में शुक्रवार रात अचानक एक के बाद एक लड़ाकू विमानों की गरज ने पूरे शहर को चौंका दिया. कुछ ही पलों में पूरे इलाके में अंधेरा छा गया. घरों की लाइटें अचानक बंद हो गईं तो सड़क पर लगी स्ट्रीट लाइटें भी बुझ गईं. बिजली कटने की वजह लोग समझ पाते इससे पहले ही अचानक नागरिक सुरक्षा कोर के सायरन की आवाज से सभी सहम गए. अंधेरे में ही नागरिक सुरक्षा कोर, पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमें चंपा देवी पार्क की ओर दौड़ती नजर आईं. कुछ टीमें आग लगने की सूचना पर एनेक्सी भवन और सर्किट हाउस की ओर गईं. एक साथ कई गतिविधियों से सहमे लोगों को राहत ये जानकर मिली कि कोई अनहोनी नहीं हुई है बल्कि आपात स्थिति से निपटने के लिए नागरिक सुरक्षा कोर द्वारा ब्लैक आउट का रिहर्सल किया जा रहा है.
करीब पांच दशक बाद नागरिक सुरक्षा कोर द्वारा शुक्रवार को युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए ब्लैक आउट का अभ्यास आयोजित गया था. इस दौरान नागरिक सुरक्षा कोर कई विभागों के साथ मिलकर आपात समय में लोगों के बचाव की तैयारियां को जांचता है.
दरअसल, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहर में करीब 15 से 20 दिनों तक ब्लैक आउट की स्थिति थी. उसके बाद कभी अभ्यास भी नहीं हुआ था. पांच दशक बाद इस बार इसकी रूपरेखा बनाई गई। करीब 10 दिनों से इसकी तैयारी चल रही थी. डीएम विजय किरन आनंद की अध्यक्षता में इसको लेकर बैठक भी हुई थी.