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फिर चला ‘विकास दुबे कानपुर वाला’ की कोठी पर बुलडोजर

अश्वनी निगम / कानपुर

5 जुलाई 2020 को गैंगेस्टर के घर पर पुलिस ने चलवाया था बुलडोजर, महंगी-महंगी कारों को मिट्टी में मिलाया।
कानपुर। देश में इनदिनों बुलडोजर और लाउडस्पीकर को लेकर सियासत गर्म है। हालात ये हो गए हैं कि अंग्रेजों की इस मशीन के पहिये में रोक के लिए फरियादी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। पर इसकी शुरूआत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज से करीब दो वर्ष पहले कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव से की थी। जब कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे ने अपने हथियारबंद साथियों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस ने शातिर अपराधी समेत छह को एनकाउंटर को ढेर करने के साथ ही उसकी कोठी को बुलडोजर के जरिए ढहा दिया था।
कानपुर से हुई थी शुरूआत
2017 में जब उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी, तो उसके बाद बुलडोजर का सफर यहां से शुरू हो गया। योगी सरकार आने के बाद अपराधियों और माफियाओं के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हुई। 2 जुलाई 2020 में कानपुर के बिकरू में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर हमला हुआ था। इस हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस कांड के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने बिकरू में विकास दुबे की कोठी पर बुलडोजर चला दिया था। माना जाता है कि यहीं से अपराधियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की कहानी शुरू हुई थी।
करोड़ों की संपत्ति की जमींदोज
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने दो दर्जन से ज्यादा माफियाओं के घर बुलडोजर चलाए हैं और 1500 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है। फरवरी 2021 में सरकार ने विधान परिषद में बताया था कि 2017 में बीजेपी सरकार आने के बाद से अब तक 67 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन को अतिक्रमण से छुड़ाया गया है। जिसमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, आजम खान समेत कई माफिया शामिल हैं।
जहांगीरपुरी में चला बुलडोजर
यूपी की सरहद को पार कर बुलडोजर देश के अन्य शहरों में पहुंचा। हनुमान जयंती पर्व पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा हुई। जिसके बाद यहां अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया गया था। दो घंटे की कार्रवाई में कई मकानों के हिस्से और दुकानें तोड़ दी गईं थी। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके हैंडिल थामा। खरगौन के अलावा कई अन्य शहरों में अपराधियों के घरों को बुलडोजर से ढहा दिया। साथ ही गुजरात, उत्तराखंड और राजस्थान में भी बुलडोजर चलाया गया।
’बुलडोजर बाबा’ दिया नाम
2022 के विधानसभा चुनाव में तो बुलडोजर बकायदा एक मुद्दा भी बन गया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ’बुलडोजर बाबा’ का नाम दे दिया गया। ये नाम और किसी ने नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिया। योगी सरकार में बुलडोजर का जितना इस्तेमाल हुआ और जितनी प्रसिद्धि मिली, उतनी किसी राज्य में नहीं मिली।

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