उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अस्थायी कनेक्शन मामले में विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले इंजीनियरों को लेकर सख्त कदम उठाया गया। जिसके चलते पावर कॉर्पोरेशन ने गलत कनेक्शन देने और विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाने के साथ-साथ ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में 55 सरकारी इंजीनियरों को बर्खास्त कर दिया है। ये सभी इंजीनियर विभाग को चूना लगाने के साथ बिना इजाजत के काफी समय से ड्यूटी से लापता थे। अभियंताओं के ड्यूटी न आने का आलम ये रहा है कि कारपोरेशन को आरोप पत्र उनके घर के पते पर भेजना पड़ा फिर भी कोई उत्तर नहीं मिला जिसके बाद आरोप पत्र की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई।
आपको बता दें कि सही जानकारी मिलने पर सभी इंजीनियरों को ड्यूटी से निकाल दिया गया है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में कार्यरत 91 अवर अभियंता ऐसे मिले हैं जो पद पर कार्यरत रहने के दौरान बिना किसी पूर्व सूचना या उच्चाधिकारियों की अनुमति के पांच साल से अधिक समय से अनुपस्थित थे। लंबे समय से गायब रहने पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने पिछले वर्ष 12 अप्रैल को मुख्य अभियंता जांच समिति को जांच के निर्देश दिए। जांच में पता चला कि कि अवर अभियंता पद पर तैनाती के बाद करीब दस साल से अधिक समय से वे कार्यालय नहीं आ रहे हैं।
इन इंजीनियरों ने न तो इस संबंध में किसी को जानकारी दी और न ही वरिष्ठ अफसरों से अवकाश स्वीकृत कराया था। अवर अभियंताओं की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भी अफसरों के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई। बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही बरतने को प्रबंधन ने कारपोरेशन के नियमों व उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के प्रविधानों का भी उल्लंघन माना है।