उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चार चरण पूरे हो गए। अभी तक हुए चारों चरणों ने बीजेपी और सपा दोनों को ही सदमे में डाला हुआ है। इस बार के चुनाव में बड़े बड़े राजनीतिक विशलेषक भी वोटर का मूंड नहीं जान पा रहे हैं। यही वजह है कि किसी भी पार्टी को ये समझ नहीं आ रहा कि जनता किस तरफ जा रही है। यही वजह है कि सपा और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की बेचैनी बढ़ गई है और दोनों ही दलों ने अपनी कमर और ज्यादा कस ली है। दोनों ही पार्टियों ने अब अपना पूरा फोकस पूर्वांचल और इसके आसपास के क्षेत्रों पर कर दिया है। वाराणसी समेत पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 विधानसभा के लिए सातवें और आखिरी चरण में मतदान होगा। इसके लिए जहां बीजेपी और सपा सक्रिय हो गई हैं। वहीं, कांग्रेस इस मामले में अभी भी पिछड़ती दिखाई दे रही है। जबकि बसपा तो चुनाव का जिक्र करती भी नहीं दिख रही है।
काशी में ठहरेंगे मोदी, आते-जाते रहेंगे शाह
चुनाव का डर पार्टियों में किस कदर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीजेपी और सपा के शीर्ष नेता अब काशी में डेरा डालेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाजाही वाराणसी में 27 फरवरी से शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही पिछली बार के विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान से पहले दो से तीन दिन ठहरेंगे और यहीं से आसपास के जिलों में चुनावी दौरा भी करेंगे। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह भी मतदान से पहले तक काशी में आते जाते रहेंगे। मोदी और शाह के साथ ही बीजपी अध्यक्ष सहित पार्टी के 30 शीर्ष नेता अब वाराणसी और पूर्वांचल के जिलों में ही प्रचार करेंगे।
अखिलेश और ममता ऐढ़े से भरेंगे हुंकार
बीजेपी के नेता अगर पूर्वांचल में सक्रिय हो गए हैं तो सपा भी पीछे नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 3 मार्च को ऐढ़े से बीजेपी सहित बाकी विपक्षी दलों के खिलाफ हुंकार भरेंगे। अखिलेश पूर्वांचल में चुनाव प्रचार और जनसंपर्क अभियान को धार देने के लिए आजमगढ़ को अपना केंद्र बनाएंगे और वो भी अलग-अलग जिलों में अपने प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाएंगे। इसके साथ ही अखिलेश के गठबंधन के सहयोगी सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल भी उनके प्रत्याशियों के प्रचार के लिए काशी को केंद्र बनाकर अलग-अलग जिलों का चुनावी दौरा करेंगे। इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्या और दारा सिंह चौहान का चुनावी दौरा भी पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में सपा प्रत्याशियों के लिए लगा रहेगा।
वहीं, उत्तर प्रदेश में अब तक अपनी पार्टी के लिए अकेले चुनाव प्रचार की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी वाड्रा के पूर्वांचल में चुनावी दौरे की तारीख अभी तक तय नहीं हुई हैं। यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार के लिए आएंगे भी या नहीं। कुल मिलाकर इस बार जनता ने सभी पार्टियों की नींद उड़ा दी है। क्योंकि इस बार वोटर बहुत ही साइलेंट है और यही साइलेंट वोटर नेताओं के दिन का चैन और रात की नींद उड़ाए हुए है।