दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ फिर से फुलफॉम में हैं. अपनी जीरो टोलरेंस की नीति पर काम करते हुए सीएम योगी लगातार ये संदेश दे रहे हैं कि जनता से जुड़ा कोई भी काम रुकना नहीं चाहिए. मगर, कुछ अधिकारी हैं जो सीएम के इस संदेश को समझने में भूल कर रहे हैं. अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे अधिकारियों को अपने रडार पर ले लिया है. योगी अब खुद ऐसे अधिकारियों को सबक सिखाने का मन बना चुके हैं. इसके ताजा शिकार हुए हैं उन्नाव के डीआईओएस. शिकार भी ऐसे की अपने ही दफ्तर में नजरबंद कर दिए गए. जी हां, सही सुना आपने डीआईओएस उनके ही दफ्तर में नजरबंद कर दिए गए. वो भी सीएम के आदेश पर. दरअसल, उन्नाव में टीजीटी पास अभ्यर्थियों को 6 महीने बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिले. और वो नियुक्ति पत्र के लिए लगातार डीआईओएस दफ्तर के चक्कर काट रहे थे. इस बात की जानकारी योगी आदित्यनाथ को लग गई. बस फिर क्या था. योगी जी का पारा बढ़ गया और सीधे उन्नाव डीएम के पास फोन पहुंचा. फोन पहुंचते ही डीएम भी हरकत में आए और फोन पर मिले निर्देशों के मुताबिक डीआईओएस को उनके ही कक्ष में नजरबंद करते हुए उनके कक्ष में पुलिस का पहरा लगा दिया. कहा गया कि जब तक सभी अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र तैयार नहीं होते वे कार्यालय से बाहर नहीं जाएंगे. नजरबंद होते ही डीआईओएस ने अभिलेखीय कार्रवाई शुरू करा दी.
आपको बता दें कि टीजीटी और पीजीटी अभ्यर्थियों का 31 अक्टूबर 2021 को रिजल्ट आया था. इसके बाद जिले के अलग-अलग स्कूलों में 150 अभ्यर्थियों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन स्कूलों में तदर्थ शिक्षकों के तैनात होने से अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी. अभ्यर्थी महीनों तक डीआईओएस कार्यालय के चक्कर लगाते रहे. जब कुछ हल नहीं निकला तो कुछ अभ्यर्थियों ने कोर्ट का सहारा लिया. इस दौरान 114 अभ्यर्थियों को स्कूलों में नियुक्ति दे दी गई, लेकिन 36 टीजीटी अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पाई. ये सब आठ नवंबर 2021 से भटक रहे थे. डीआईओस कार्यालय के चक्कर लगाते थक चुके सभी 36 अभ्यर्थी सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले और डीआईओएस की शिकायत की. मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि जिले में पहुंचें, आज ही नियुक्ति होगी. कुछ ही देर में सीएम कार्यालय से डीएम के पास फोन पहुंचा. इसके बाद डीएम ने डीआईओएस पर पुलिस का पहरा बैठा दिया. और निर्देश दिए कि जब तक सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेते, कार्यालय से नहीं जाएंगे. जो स्कूल प्रबंधक नियुक्ति देने में आनाकानी करे उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं. सीडीओ ने अभिलेखीय कार्रवाई पूरी होते ही उसी समय अपने कार्यालय आने को कहा. जिसके बाद रात नौ बजे तक कार्रवाई जारी रही. तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्रवाई से प्रदेश के अधिकारियों को एक बार फिर ये कड़ा संदेश दे दिया कि वो काम कोताही बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.