बिहार में जहरीली शराब पीने से मौतों का आकड़ा बढ़ता जा रहा है। जहरीली शराब पीने से 43 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था। विपक्ष को सीएम नीतीश के गुस्से का भी सामना करना पड़ा था। बीजेपी ने सदन में सरकार को घेरने का काम किया। गुरूवार को सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जहरीली शराब पिओगे तो मरोगे। हमने बिहार में शराब बंदी कर रखी है। कच्ची शराब का अवैध कारोबार करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। गुरूवार को भी जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई। मौतों का आकड़ा बढ़कर 43 पहुंच गया है।
गुरूवार को विधानसभा जाने से पहले नीतीश कुमार ने मीडिया से बात की थी। उन्होने कहा कि अधिकतर लोगों ने शराबबंदी पर सहमति जताई थी। लेकिन कुछ लोगों का क्या करें, ऐसे लोग गलती कर रहे हैं। पिछली बार भी जहरीली शराब पीने से मौतें हुईं थीं, तो कहा गया था कि मुआवजा मिलना चाहिए। हमने जहरीली शराब के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाया था। ऐसे में जो शराब पीएगा वो मरेगा।
महिलाओं के कहने पर शराबबंदी हुई थी
नीतीश कुमार ने कहा कि यह बात हम सभी से कह चुके हैं कि शराब बुरी चीज है, शराब नहीं पीनी चाहिए। हमारी सरकार ने 2016 में शराबबंदी लागू की थी। सरकार ने इस पर सख्त एक्शन भी लिए थे। लेकिन लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि शराबबंदी है। ऐसे में गड़बड़ शराब मिलेगी। यही वजह है जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें हो रही हैं। महिलाओं के कहने पर शराब बंदी का फैसला किया गया था।
सभी दलों से चर्चा करने के बाद हुई थी शराबबंदी
बिहार में शराबबंदी का समर्थन पुरूषों ने भी किया था। सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करने के बाद शराबबंदी के फैसले पर सहमति जताई थी। हमने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि गरीब लोगों को ना पकड़े। बल्कि जो लोग शराब बेंच रहे हैं, उन्हे पकड़कर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अवैध शराब के धंधे में नहीं पड़ने की अपील की गई थी। हम गरीब लोगों को एक लाख रुपए दे रहे हैं, ताकि वो नए काम की शुरूआत कर सके। यदि जरूरत पड़ी तो इस धनराशि को बढ़ा दिया जाएगा।