नई दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट मैच में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादप ने 11 गज की पिच पर बांग्लादेशी शेरों को जमकर नचाया और कुल आठ विकेट लेकर टीम इंडिया की जीत में अहम रोल निभाया। कुलदीप यादव की टीम इंडिया में करीब 22 माह के बाद वापसी हुई और उन्होंने इसका भरपूर फाएदा उठाया। सोशल मीडिया में कुलदीप ट्रेंड कर रहे हैं। कानपुर के रहने वाले गेंदबाज के पक्ष में यूजर्स अपने-अपने तरीके से कमेंट लिख रहे हैं। जीत के जश्म के बीच अस्तित्व न्यूज आपको चाइनामैन बॉलिंग के उदय के बारे में रूबरू कराने जा रहे है। जिसे पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे।
चाइनामैन बॉलिंग लेफ्ट ऑर्म स्पिनर की लेग स्पिन गेंदबाजी है जो टप्पा पड़ने के बाद दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए अंदर की ओर आती है और बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर की ओर घूमती है। इसमें बाएं हाथ का स्पिनर अपनी कलाइयों का इस्तेमाल कर गेंद को स्पिन कराता है, जिसके कारण वह ऑर्थोडॉक्स लेफ्ट स्पिन गेंदबाज से अलग होता है। इसे बाएं हाथ के स्पिनर्स का गुगली भी कहा जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम ही ऐसे गेंदबाज हुए, जिन्हें चाइनामैन के रूप में पहचान मिली। चाइनामैन गेंदबाज बड़े से बड़े बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसा लेता है। खुद ‘क्रिकेट के भगवान’ सचिन तेंदुलेकर भी चाइनामैन बॉलर्स की तरीफ कर चुके हैं।
कुलदीप जैसे बॉलिंग एक्शन वाले कलाई के स्पिनरों को चाइनामैन कहने की कहानी बड़ी रोचक है। यह वाकया 25 जुलाई 1933 का है, जब मैनचेस्टर में इंग्लैंड और वेस्..के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा था। वेस्टइंडीज की ओर से बाएं हाथ के स्पिनर एलिस एचॉन्ग गेंदबाजी कर रहे थे। एचॉन्ग मूलतः चीन के निवासी थे। एचॉन्ग ने कलाई के सहारे एक अप्रत्याशित गेंद डाली, जो ऑफ से लेग की तरफ टर्न हुई. बल्लेबाजी कर रहे वाल्टर रॉबिन्स टर्न को समझ नहीं पाए और स्टंप हो गए। फिर क्या था, बल्लेबाज रॉबिन्स गुस्से में आ गए। आउट होकर पवेलियन लौटते हुए उन्होंने अंपायर जे. हार्डस्टाफ से कहा, ’ इस ब्लडी चैइनामैन ने मुझे भरमाया।
पवेलियन लौटते समय राबिंस ने अंपायर से कहा था कि इस ‘चाइनामैन’ ने उन्हें चकमा दिया। इस घटना का जिक्र पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर चिनी बेनो ने एक कार्यक्रम में किया था। उसके बाद से ही ऐसी गेंदबाजी को चाइनामैन कहा जाने लगा। इसके बाद से जिस बाएं हाथ के स्पिनर ने भी कलाई की मदद से गेंद को टर्न कराया, उसे चाइनामैन बॉलर कहा जाने लगा। 1933 में चाइनामैन बालिंग इजाद हुई और हरदेश अपनी-अपनी टीम में एक ऐसे बॉलर को प्राथमिका देने लगा। मौजूदा समय में भारत के कुलदीप यादव और दक्षिण अफ्रीका के तबरजे शम्सी कुछ इसी अंदाज में गेंदबाजी करते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के पॉल एडम्स, ऑस्ट्रेलिया के माइकल बेवन, ब्रैड हॉग और साइमन काटिच और वेस्टइंडीज के दिग्गज आलराउंडर गैरी सोबर्स कुछ ऐसे गेंदबाज थे जो चाइनामैन शैली की गेंदबाजी किया करते थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘चाइनामैन’ गेंदबाज कभी-कभी ही नजर आते हैं। ऐसे में कुलदीप यादव ने इस अनूठी कला से पूरी दुनिया का ध्यान बरबस अपनी तरफ खींच लिया है। कुलदीप को चाइनामैन गेंदबाजी में लय हासिल करने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ा था। कुलदीप यादव पहले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन उनके कोच ने उन्हें स्पिन गेंदबाजी में करियर बनाने की सलाह दी जो अब इस युवा गेंदबाज के लिए बिल्कुल सटीक साबित हो रही है।
कुलदीप यादव ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट खेला था। लगातार अच्छा प्रदर्शन के बाद भी अभी तक टीम में उनकी जगह पक्की नहीं हुई है। लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में उन्हें खेलने का मौका मिला। कुलदीप यादव ने इस मैच से पहले भारत के लिए 7 टेस्ट खेले था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट फरवरी 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उससे पहले जनवरी जनवरी 2019 में उन्होंने आखिरी टेस्ट खेला था। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुए उस मैच में कुलदीप ने 5 विकेट लिये थे। इसके बाद भी अगला टेस्ट खेलने के लिए 22 महीने का इंतजार करना पड़ा।