Joshimath disaster: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath ) में मकानों, होटलों, सड़क और गलियों में दरारें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जोशीमठ आपदा (Joshimath disaster) की वजह से हजारों परिवारों ने अपने घरों को छोड़ दिया है। जोशीमठ के मलारी इन (Hotel Malari In) और माउंट व्यू होटल भी इस आपदा की चपेट में आ गए थे। सीबीआरआई ने दोनों होटलों का निरीक्षण किया था। इसके बाद इन्हे तोड़ने के निर्देश दिए गए थे। गुरूवार से होटल माउंट व्यू (Hotel Mount View) को ढ़हाने का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं होटल मालिकों इनके तोड़ने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना है कि सरकार की तरफ से इनका आर्थिक मूल्याकंन नहीं किया गया है।
होटल तोड़ने की कार्रवाई शुरू
जोशीमठ में क्षतिग्रस्त मकानों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। टीम द्वारा 678 भवनों को चिन्हित किया जा चुका है। जिलाधिकारी हिमांश खुराना ने जोशीमठ आपदा अधिनियम तहत होटल मलारी इन व माउंट व्यू को आम जन मानस की सुरक्षा की दृष्टि से ध्वस्त किए जाने के आदेश जारी किए गए थे।
जोशीमठ में होटल को तोड़ने जाने की कार्रवाई शुरू गई है। जोशीमठ में बीते मंगलवार को ही होटल माउंट व्यू और मलारी इन को ध्वस्त किया जाना था, लेकिन होटल स्वामियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि आर्थिक मूल्यांकन नहीं किया गया, साथ ही नोटिस तक नहीं दिए गए।
विरोध बढ़ने पर प्रशासन को कदम पीछे खींचने पड़े। लेकिन अधिकारियों का कहना कुछ और ही था। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ जीत सिन्हा ने कहा कि ऊंचे भवनों को तोड़ने के लिए क्रेन की आवश्यकता है, जो वहां नहीं मिल पाई। इसलिए देहरादून से क्रेन भेजी गई है।
असुरक्षित भवनों में लगाए गए लाल निशान
जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 45 भवन और चिन्हित किए गए थे। इस तरह से अब तक कुल 723 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं। जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी।
इस वजह से तोड़े जा रहे होटल
मलारी इन और माउंट व्यू होटल को क्रमबद्ध तरीके से गिराया जाएगा। ये होटल तिरछे हो गए हैं। इसे तोड़ना जरूरी है क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है।