Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham sarkar) धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इन दिनों सुर्खियों पर बने हुए हैं। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा चल रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु उन्हे सुनने के लिए आ रहे हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घर वापसी और धर्मांतरण (Conversion) के मुद्दे पर टिप्पणी की थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री (Excise Minister) का चौकाने वाला बयान सामने आया है। मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने कहा कि यदि धर्मांतरण हो रहा होगा, तो मैं राजनीति (Politics) छोड़ दूंगा। आप पंडित का काम छोड़ दीजिए।
क्या कहा था धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 18 जनवरी को रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धर्मांतरण को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा कि जहां-जहां धर्मांतरण हो रहा है, वहां रामकथा सुनाने जा रहे हैं। धर्मांतरण रोकने का उन्होंने संकल्प लिया है, बहुत सारे लोगों को हिंदू धर्म में वापसी करवा रहे हैं।
धर्मांतरण को लेकर हुआ था बवाल
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर बवाल हो गया था। आदिवासी ईसाई और आदिवासी समाज के बीच हिंसा की खबरें आई थी, चर्च में तोड़फोड़ की गई थी। इस बवाल के दौरान पुलिस कर्मी भी घायल हुए थे। इसी बीच बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के धर्मांतरण पर दिए बयान पर फिर हंगामा खड़ा कर देने वाला बयान राज्य सरकार के आबकारी मंत्री ने दिया। गुरुवार को रायपुर में बस्तर के बड़े कांग्रेसी नेता और राज्य सरकार में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बागेश्वर धाम सरकार पर सवाल उठा दिया।
मंत्री का चैलेंज
मंत्री कवासी लखमा ने मीडिया के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि कहां से सपना आया उसको? इसी महाराज को नागपुर में कोई चुनौती दिया है क्या? महराज हो, पंडित हो मेरे साथ बस्तर आएं। कल परसों कोई धर्मांतरण होता है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और वो पंडित का काम छोड़ दें। ऐसे पंडित लोग को नागपुर में चुनौती दिया गया है। मंत्री ने कहा कि अभी यह मामला कोर्ट में जाने वाला है, उस समय पता चलेगा ये पंडित है की क्या है? सच्चाई पता चलेगा।
कहां से बढ़ा विवाद
बागेश्वर धाम सरकार को नागपुर में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की तरफ से चुनौती दी गई थी। इसपर देशभर बवाल मच गया था। हिंदू संगठनों ने भी अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव का पुतला दहन किया था। वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर के दिव्य दरबार में श्याम मानव को आमंत्रण दिया था। उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए किराए का खर्चा भी उठाने का बयान दिया था। तब से ये मामला देशभर चर्चा का विषय बना हुआ है।