Hathras gangrape case: कांग्रेस सांसद (Congress MP) शशि थरूर (Shashi Tharoor) ऐसे नेता हैं जो अपनी बात को बड़ी बेबाकी के साथ रखते हैं। शशि थरूर ने पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Journalist Siddique Kappan) की रिहाई को लेकर बड़ी बात कही है। यूपी में हाथरस गैंगरेप मामले (Hathras gangrape case) की रिपोर्टिंग करने गए केरल के पत्रकार को सिद्दीक कप्पन को पुलिस ने अशांति फैलाने के आरोप में अरेस्ट (arrest) किया था। इस मामले को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। अब उनकी रिहाई पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इस मामले को लेकर अब शशि थरूर ने भी केंद्र की आलोचना की है। थरूर ने कहा कि कप्पन की रिहाई से पता चलता है कि यूएपीए ’लोकतंत्र के लिए खतरा’ है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की पिछले साल की ’जमानत, जेल नहीं’ टिप्पणी को भी याद दिलाया। उन्होंने कहा कि गांधी की भूमि में कप्पन के साथ ’अमानवीय’ व्यवहार निंदनीय है।
पढ़ने के लिए हिंदी में दी गईं किताबें
उन्होंने यह भी बताया कि जब सिद्दीक कप्पन ने जेल में पढ़ने के लिए किताबें मांगी तो उन्हें केवल हिंदी में किताबें दी गईं। क्योंकि वह हिंदी नहीं पढ़ सकते हैं। उन्हें अंग्रेजी या मलयालम में भी किताबें दी जा सकती थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह हमारी मानवता का स्तर है?, उनका आरोप है कि केंद्र यूएपीए एक्ट का गलत इस्तेमाल कर रही है।
क्या है यूएपीए एक्ट
यूएपीए एक्ट यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम काफी खतरनाक होता है। इसमें काफी कड़ी सजा का प्रावधान है। वैचारिक विरोध और आंदोलन या दंगा भड़काने की स्थिति में भी यह एक्ट लगाया जाता है। इस कानून का मुख्य काम आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है। इस एक्ट से जुड़े मामलों में एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को काफी शक्तियां होती है।