China balloon: चीन के जासूसी गुब्बारे (spy balloon) ने अमेरिका (America) टेंशन बढ़ा दी है। अमेरिकी थिंक टैंक का मानना है कि चीन इस बैलून से सैन्य ठिकानों की जासूसी करने की कोशिश की है। चीन की इस हरकत से अमेरिका ने नाराजगी जाहिर की है। इसी कड़ी में अमेरिकी विदेश मंत्री (Foreign Minister) एंटनी बि्ंलकेन (Antony Bilken) ने अपनी प्रस्तावित यात्रा स्थगित (Postponed) कर दी है।
गुब्बारे पर रखी जा रही नजर
अमेरिका में इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया है। अमेरिका ने अपनी गंभीर प्रतिक्रिया से तुरंत चीन को अवगत कराया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे को तुरंत वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के सामने उठाया गया। उधर बीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी इसे संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया। अधिकारी ने कहा- ‘हमारे दिमाग में यह बात बिल्कुल साफ है कि अपनी जनता और देश की रक्षा के लिए जो भी जरूरी कदम होगा, हम उठाएंगे।’
गुब्बारे पर अधिकारिक निशान नहीं है
थिंक टैंक एशिया पॉलिसी इंस्टीट्यूट में स्थित सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस से जुड़े एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा है- ‘संभवतया चीन ने गुब्बारा अमेरिका की जासूसी-भेदी क्षमताओं का इम्तिहान लेने के लिए भेजा। गुब्बारे पर इसलिए कोई आधिकारिक निशान नहीं डाला गया, ताकि जरूरी हो तो इसके उसका होने से चीन इनकार कर दे।’
उपग्रह से चीन करता है निगरानी
थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट में एशिया-प्रशांत सिक्युरिटी विभाग के अध्यक्ष पैट्रिक क्रोनिन ने कहा है- ‘गुब्बारों पर अमेरिका की नजर पड़ना तय था। इससे यह जाहिर होता है कि जानबूझ कर गुस्ताखी की। वैसे चीन के उपग्रह लगातार अमेरिका के मिसाइल क्षेत्रों और अन्य रक्षा ठिकानों की निगरानी करते रहते हैं। मेरी राय में चीन ने एक मनोवैज्ञानिक दांव चला, ताकि वह अमेरिका का ध्यान खींच सके।’
ऐसा पहली बार हुआ है
जानकारों के मुताबिक ऐसी गतिविधियां गुजरे वर्षों में अनेक बार देखी गई हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि पहले अमेरिका ने ऐसे मामलों को सार्वजनिक नहीं किया। उन्होंने कहा- ‘इस बार गुब्बारा अमेरिकी वायु क्षेत्र से बाहर जाने में जितना वक्त ले रहा है, ऐसा पहले नहीं हुआ।’
दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव
विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिका ने इस बार गुब्बारे की घटना को सार्वजनिक करने का फैसला शायद इसलिए किया, क्योंकि पहले गोपनीय ढंग से चीन से इस मामले को उठाया गया होगा। जिस पर चीन ने ध्यान नहीं दिया। अब यह साफ है कि गुब्बारे की घटना से दोनों देशों के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है।