former President of Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति (former President) परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का रविवार को 79 साल की उम्र में निधन हो गया। परवेज मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज दुबई (Dubai) के अस्पताल में चल रहा था। मुशर्रफ अमाइलॉइडोसिस बीमारी (amyloidosis disease) से ग्रसित थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति जून 2022 में बीमार थे। उनके परिवारीजन ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि मुशर्रफ कठिन दौर से गुजर रहे हैं। जहां से उनके रिकवरी संभव नहीं है।
राजद्रोह के लगे थे आरोप
1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले 79 वर्षीय जनरल मुशर्रफ पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था। 2019 में संविधान को निलंबित करने के लिए मौत की सजा दी गई थी। बाद में उनकी मौत की सजा को निलंबित कर दिया गया था। 2020 में लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ नवाज शरीफ सरकार द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। जिसमें उच्च राजद्रोह के आरोप पर शिकायत दर्ज करना और एक विशेष अदालत के गठन के साथ-साथ इसकी कार्यवाही भी शामिल थी।
देश छोड़कर दुबई चले गए थे
1998 में रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख बनाया था। लेकिन एक साल बाद ही 1999 में जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए। उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था। 30 मार्च 2014 को मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को संविधान को निलंबित करने का आरोप लगाया गया था। 17 दिसंबर, 2019 को एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को उनके खिलाफ उच्च राजद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाई। पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में देश छोड़कर दुबई चले गए थे और उसके बाद से पाकिस्तान नहीं लौटे।
बेहद घातक बीमारी है
इसे समझने के लिए हमने एसआरएन के डॉ. महेश से बात की। उन्होंने कहा, परवेज मुशर्रफ को अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी थी। ये बीमारी तब होती है जब शरीर में अमाइलॉइड नाम का प्रोटीन बनने लगता है। यह अमाइलॉइड प्रोटीन शरीर के अंगों को ठीक से काम करने से रोकता है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंगों में हृदय, किडनी, लीवर, स्प्लीन, नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र शामिल हैं। कई बार अमाइलॉइडोसिस कुछ अन्य बीमारियों के साथ भी होते हैं। इसके चलते पूरा शरीर कमजोर हो जाता है। धीरे-धीरे शरीर का एक-एक अंग काम करना बंद कर देता है।
अमाइलॉइडोसिस का ट्रिटमेंट भी कैंसर के इलाज की तरह होता है। इसमें भी उन्हीं दवाइयों का प्रयोग होता है, जो कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल होतीं हैं। इसके अलावा इसमें भी मरीज को कीमोथेरेपी दी जाती है। साथ ही अमाइलॉइड उत्पादन को कम करने वाली दवाएं भी दी जाती हैं।