Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरूवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में गांधी परिवार और कांग्रेस (congress) पार्टी पर जोरदार हमला किया है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने पूर्व पीएम (Former PM) पं. जवाहरलाल नेहरू (Pt. Jawaharlal Nehru) का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि मैंने एक रिपोर्ट पढ़ी थी, जिसमें लिखा था कि 600 सरकारी योजनाएं गांधी, नेहरू परिवार के नाम पर थीं। फिर भी नेहरू जी का नाम नहीं लिया जाता है। यदि किसी कार्यक्रम में नेहरू जी का नाम का जिक्र नहीं किया जाता है, तो कुछ लोगों का लहू गर्म हो जाता है। नेहरू जी का नाम क्यों नहीं लिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि मुझे बहुत आश्चर्य होता है कि चलो भाई मुझसे कभी छूट जाता होगा नेहरू जी का नाम। हम इसे ठीक भी कर लेंगे क्योंकि देश के पहले प्रधानमंत्री थे। लेकिन मुझे समझ नहीं आता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। नेहरू सरनेम रखने से शर्मिंदगी क्यों है। नेहरू सरनेम रखने से क्या शर्मिंदगी है, इतना बड़ा महान व्यक्तित्व…आपको मंजूर नहीं है…परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो।
अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग
पीएम मोदी ने कहा कि यह सदियों पुराना देश है। जन-जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ है। यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है। पीएम ने कहा कि किस पार्टी और सत्ता में बैठे लोगों ने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया, 90 बार चुनी हुई सरकारें गिराई गईं, कौन थे वो लोग। एक प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग किया और वह नाम है इंदिरा गांधी। केरल में साम्यवादी सरकार चुनी गई जिसे पंडित नेहरू ने पसंद नहीं किया और उसे गिरा दिया गया।
विज्ञान-तकनीकि के विरोधी हैं
कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए पीएम ने कहा कि ये विज्ञान और तकनीक के विरोधी भी हैं। ये हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इनको देश की चिंता नहीं है, इनको अपनी राजनीतिक उठा-पटक की चिंता है। डिजिटल लेनदेन में देश आज दुनिया का लीडर बना हुआ है। डिजिटल इंडिया की सफलता ने आज पूरी दुनिया को प्रभावित किया है।
बजट सत्र के लिए गर्व की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि इस बजट सत्र के लिए यह गर्व की बात है कि इसका प्रारंभ महिला राष्ट्रपति की ओर से होता है और विधिवत प्रारंभ महिला वित्त मंत्री की ओर से होता है। देश में ऐसा संयोग कभी नहीं आया और हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसे सुअवसर आगे भी देखने को मिलें।