बड़ी ख़बरें
अमित शाह के वादे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने मुहर लगाते हुए विष्णु देव साय को बनाया छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश में इस नेता को तो राजस्थान में सियासत के ‘चाणक्य’ को मिल सकती सत्ता की चाबीसालों से लटकी पड़ी पेंशन पाकर लाभार्थियों के चेहरे खिले ,कुरुक्षेत्र पहुंची संकल्प यात्रा में पूर्व मंत्री कृष्ण वेदी ने लाभार्थियों को दिलाये उज्ज्वला गैस कनेक्शन !मोदी की गारंटी से होगा अंत्योदय का स्वप्न साकार : कृष्णपाल गुर्जर केंद्रीय मंत्रीविकसित भारत संकल्प यात्रा 2047 तक भारत को विकसित करने के संकल्प का प्रतीक :अनिल विज‘गजब’ इत्र कारोबारी के बाद अब इस कांग्रेस सांसद की तिजोरी से निकली मनी को गिनते-गिनते थक गई मशीन, पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्लैकबनी की साझा की तस्वीरछत्तीसगढ़ में ‘काका’ की कद-काठी के नेता की खोज करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी के ये तीन रणनीतिकार, अगले कुछ घंटे के अंदर सूबे की जनता को मिलने वाली है बीजेपी की सरकारपीएम नरेंद्र मोदी से बन गई बात जेपी नड्डा ने इन तीन नेताओं को सौंपी राजस्थान की बागडोर, अगले 48 घंटे के अंदर बीजेपी इस नेता को बना सकती है सूबे का मुख्यमंत्रीपीएम मोदी से बन गई बात जेपी नड्डा ने इन तीन नेताओं को सौंपी मध्य प्रदेश की कमान, बीजेपी अगले 48 घंटे के अंदर सीएम कैंडीडेट के नाम का कर सकती ऐलानहरियाणा में संकल्प यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह,पलवल और फरीदाबाद में उमड़े लाभार्थियों ने मनोहर लाल की सरकार की तारीफों के बांधे पुल !कौन है गाजा का ओसामा बिन लादेन के साथ ही ‘खान यूनिस का कसाई’, जिन्हें मारने के लिए कुत्तों के साथ आईडीएफ के कमांडो ने कर दी चढ़ाई

Abdullah Azam: अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द… स्वार विधानसभा सीट रिक्त घोषित की गई, छजलैट प्रकरण में एमपीएमएल कोर्ट ने सुनाई थी सजा

UP Assembly: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ( Azam Khan) और उनके बेटे स्वार विधायक (Swar MLA) अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। मुरादाबाद की एमपीएमएलए कोर्ट से अब्दुल्ला आजम को तगड़ा झटका लगा है। आजम खां के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। यूपी विधानसभा सचिवालय ने स्वार विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। सपा नेता आजम खां और उनके बेटे 15 साल पुराने छजलैट प्रकरण में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

इस मामले में अन्य सात आरोपी साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिए गए। जानकारों के अनुसार दो साल की सजा के कारण स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम की विधायकी जाती रहेगी। पूर्व में रामपुर की अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद नगर सीट से आजम खां की विधायकी जा चुकी है।

क्या है छजलैट प्रकरण
बीते 2 जनवरी 2008 पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान आजम खां की गाड़ी पुलिस ने रुकवा ली थी। इसके विरोध में आजम खां और उनके बेटे स्वार-टांडा विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम सड़क पर धरने पर बैठ गए थे।

सरकारी कार्य में बाधा
इसकी सूचना मिलने पर आसपास के जनपदों से सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। आरोप है कि आम जनता को उकसावे की राजनीति कर सड़क जाम करते हुए बवाल किया था। इसके साथ ही सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की थी।

इन्हे बनाया गया था आरोपी
इस मामले में रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया गया था।

आजम-अब्दुल्ला दोषी करार
इस केस की सुनवाई वर्ष 2019 से मुरादाबाद की एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट स्मृति गोस्वामी की कोर्ट में की जा रही थी। विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि अदालत पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है। आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई है और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

साक्ष्यो के आभाव में दोषमुक्त
जबकि मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डी पी यादव,पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

इन धाराओं में सुनाई गई सजा
आईपीसी की धारा 353 में दो साल का कारावास और दो हजार रुपये जुर्माना। आईपीसी की धारा 341 में एक माह का कारावास और पांच सौ रुपये जुर्माना। 7 क्रिमिनल अमेंटमेंड एक्ट में 6 माह पांच सौ रुपये जुर्माना लगा है।

Related posts

Leave a Comment

अपना शहर चुने

Top cities