Mother-daughter death: यूपी के कानपुर देहात (Kanpur dehat) में बीते सोमवार को कब्जा हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम के सामने मां-बेटी की झोपड़ी में जिंदा जलकर मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने 24 घंटे तक शव नहीं उठने दिया था। डेप्युटी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने पीड़ित परिवार से वीडियो कॉल पर बात की थी। डेप्युटी सीएम ने परिवार को मांग पूरी करने का भरोसा दिया था। इसके बाद राख के ढ़ेर में पड़े शवों को उठाने दिया था। बुधवार सुबह दोनों शवों को गांव से बिठूर (Bithoor) के वाल्मीकि घाट (Valmiki Ghat) लाया। मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया।
बिठूर विधायक ने बंधाया ढ़ाढस
अग्निकांड में घायल कृष्ण गोपाल दीक्षित और उनका बेटा शिवम दीक्षित बिठूर घाट पहुंचे। परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा मौके पर पहुंचे। अंतिम संस्कार के लिए पुलिसकर्मी खुद हाथ में फूल माला लेकर आए। गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
क्या था मामला
कानपुर देहात में मैथा तहसील क्षेत्र के मड़ौली पंचायत के चालहा गांव में सोमवार को ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने कब्जेदार की झोपड़ी में संदिग्ध हालत में आग लग गई थी। घटना के वक्त मां-बेटी झोपड़ी के अंदर थीं। दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा थाना प्रभारी झुलस गए थे। घटना में मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी।
बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि
बिठूर घाट पर मां-बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। नम आंखों से बड़े बेटे शिवम ने दोनों की देह को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार से पहले विधायक अभिजीत सिंह सांगा, मंडलायुक्त राज शेखर समेत प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीड़ित कृष्ण गोपाल दिक्षित ने कहा कि ये पूरा घटनाक्रम सोची समझी साजिश के तहर अंजाम दिया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार ने जो वादे किए हैं वह उसे निभाएगी और दोषियों को उनके बुरे कर्मों की सजा जरूर दिलाएगी।