Bjp का दिल्ली में मेयर बनाने का सपना हो गया चकनाचूर !मेयर की महाभारत में अब लग गया विराम
अगले 24 घंटे में तय हो जाएगा दिल्ली का मेयर ,Kejriwal ने दी बीजेपी को सुप्रीम पटकनी!
पिछले ढाई महीने से दिल्ली में चल रही उठापटक खत्म हो गई.. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के तमाम हथकंडे को फेल कर दिया मेयर चुनने का रास्ता साफ कर दिया बीजेपी को बड़ा झटका देते हुए मनोनीत पार्षदों से वोटिंग का अधिकार छीन लिया कोर्ट ने सीधे तौर पर कह दिया नगर निगम की नियम 243 R में मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार ही नहीं
दिल्ली में 4 दिसंबर 2022 को नगर निगम (MCD ELECTION 2022)के हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134 और भाजपा को 106 सीट कांग्रेस को नव और निर्दलीयों को 3 सीटें प्राप्त हुई थी उसी के बाद से लगातार दिल्ली नगर निगम में सत्ता का संघर्ष जारी है हारने के बावजूद बीजेपी दिल्ली नगर निगम की मेयर की कुर्सी पर गिद्ध दृष्टि लगाकर बैठी है तमाम राजनीतिक हथकंडे अपनाए जा रहे हैं किसी तरह नगर निगम के मेयर का चुनाव जीता जाए पिछले ढाई महीने में तीन हंगामेदार बैठक हो चुकी हैं इन बैठकों में भी मेयर डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग काउंसिल के चुनाव नहीं हो पाए.. बीजेपी ने एक बड़ा कुचक्र रचते हुए मेयर के चुनाव से पहले ही 10 पार्षदों को मनोनीत कर दिया इन पार्षदों को वोटिंग का अधिकार दिला कर मेयर की कुर्सी का बड़ा खेल करने का मंसूबा बीजेपी ने पा लिया था लेकिन बार-बार के हंगामे के बावजूद जब मैं और तय नहीं हो पाया तो सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर दिल्ली की सरकार को यह आदेश दिया है 24 घंटे के अंदर मेयर के चुनाव संपन्न कराए जाएं इतना ही नहीं मेयर के चुनाव में वोटरों को तो कोई रोकेगा ही नहीं बल्कि यह भी कोशिश की जाएगी कि किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो।
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इससे पहले जरा यह भी समझ लीजिए कि आखिर दिल्ली नगर निगम का चुनाव इतना महत्वपूर्ण क्यों है
अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगम को मिलाकर एक कर दिया था क्योंकि यह डायरेक्ट जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से बनती है इसका बजट भी भारी-भरकम होता है इसके साथ इस पर केंद्र सरकार या एलजी का डायरेक्ट कंट्रोल नहीं होता है जिसके कारण मेयर नीतिगत फैसले को लेने और क्रियान्वित करने के लिए स्वतंत्र होता है..
दिल्ली की मेयर की कुर्सी पर अगर आम आदमी पार्टी का कब्जा हो जाता है तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी और ज्यादा मजबूत हो जाएगी क्योंकि मुख्यमंत्री के साथ-साथ दिल्ली का मेयर भी मुख्यमंत्री के समकक्ष न सिर्फ प्रोटोकॉल रखता है बल्कि Double Power Center से भी बचा जा सकता है यही वजह है कि माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अरविंद केजरीवाल की दिल्ली की सत्ता पर पकड़ और ज्यादा मजबूत होगी और इसका असर राजनीतिक फैसलों में दूरगामी परिणाम के तौर पर सामने आएंगे क्योंकि जो योजनाएं सरकार ढंग से नहीं चला पाती थी उन पर नगर निगम में सरकार ना होने का बहाना बनाकर बचने का प्रयास करती थी जो अब संभव नहीं होगा अब इस फैसले के बाद मेयर और डिप्टी मेयर आपका ही बनने के आसार बढ़ गए हैं
अस्तित्व न्यूज़ नेशनल के लिए ब्यूरो रिपोर्ट।