एक तरफ गरीबों की झोपड़ी पर बुलडोजर चल रहा है तो दूसरी तरफ सरकार के मंत्री सरकारी जमीनों पर कुंडली मारकर बैठे है ।
वह भी एक दो नहीं 72 आवंटन अपने नाम करा कर बैठे हैं और बिना एक धेला दिए हुए...
उत्तर प्रदेश की एक राजनीतिक दल के लिए कभी एक नारा जोर शोर से गूंजा करता था जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है बीजेपी की सरकार के एक मंत्री के लिए भी अब ये बात पूरी तरह से सच साबित हो रहा है औद्योगिक विकास के के नाम पर सरकार के मंत्री जी 1/2 नहीं बल्कि पूरे 72 लोगों का हक मारकर बैठे 72 लोगों के लिए उद्योग लगाने के लिए जमीन को अकेले डकार कर बैठे.. सत्ता और रसूख के आगे नियम कानून कैसे बने साबित हो जाते हैं उसकी बानगी है ये घटना ..
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उत्तर प्रदेश की सरकार में एमएसएमई विभाग के कैबिनेट मंत्री है राकेश सचान इनके ऊपर जिम्मेदारी है छोटे छोटे उद्योगों को लगाने की इनके ऊपर जिम्मेदारी है जनपद स्तर में छोटे-छोटे निवेश को बुलाने की इन पर जिम्मेदारी है बेरोजगारों को लघु और मध्यम रोजगार के साथ जोड़ने की… जो लोग आज मंत्री जी के ऊपर सरकारी जमीनों को हथियाने का आरोप लगा रहे हैं दरअसल उन बुर्बकों को नहीं मालूम है कि मंत्री जी ने वह जमीन सही समय में युवाओं के रोजगार लगाने के लिए बचा कर रखी थी। मंत्री जी की काबिलियत इससे बड़ी बानगी क्या होगी की उन्होंने पिछली सरकार में 72 जमीनों को अपनी इस नई सरकार ने निवेशकों के लिए बचा कर रख लिया था जी हां 2012 में मंत्री जी समाजवादी पार्टी के सांसद हुआ करते थे फतेहपुर से सांसद रहते हुए दूरदर्शी मंत्री जी को यह आभास हो गया था कि इस सरकार में ना कोई उद्योग लगाएगा और ना ही जमीन बच पाएगी उन्हें आभास हो गया था आने वाले समय में वह बीजेपी में जाएंगे बीजेपी इन्वेस्टर समिट करेगी और निवेशकों को आमंत्रित करेगी तब भला निवेशकों को जमीन कैसे मिलेगी इसके लिए उन्होंने पिछले 11 साल से 72 लोगों की जमीन अपने पास बचा कर रखें और अब मंत्री जी उन जमीनों को सरकार को वापस करके निवेशकों को वहां बसाएंगे लेकिन भला सत्ता विरोधी मानसिकता से ग्रस्त मूढ़ विपक्षियों को ये बात कहां समझ में आती है लगे आरोप लगाने मंत्री जी ने सरकारी जमीन हथिया ली है ..लेकिन मंत्री जी की ईमानदारी सुनकर आप उनके कायल हुए बगैर नहीं रह पाएंगे ..सुनिए क्या कह रहे है मंत्री जी सब सच पता चल जायेगा ..
मंत्री राकेश सचान के 72 आवंटन को लेकर जो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस आज उछल उछल कर आरोप लगा रही है लेकिन वह शायद भूल गई कि माननीय मंत्री जी उससे पहले उन्हीं दलों को सुशोभित करके आए हैं और यह जो 72 प्लाटों का आवंटन का पुरस्कार उन्हें किसी और ने नहीं बल्कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में ही मिला था लेकिन तब ना तो कांग्रेसियों ने आवाज उठाई थी और ना सपाइयों ने लेकिन आज मामला क्या सामने आ गया लगे भाजपा को पानी पी पीकर गरियाने ..
भाजपा वाले भले ही ना कह पा रहे हो कि भैया आज भले ही नेता जी हमारी पार्टी में है लेकिन शायद इन्हें आपने हमारी सुपारी लेकर के ही भेजा है आए दिन कोई न कोई काम है ऐसा जरूर करते हैं जिससे उनकी ही सरकार की छिछर लेदर जरूर हो जाय ,वो फिर अदालत से फाइल लेकर आना हो या फिर गरीबों के हक में डांका डालना हो हर बार सचान साहब सुर्खियों में रहते हैं।