मरीजों में कैंसर का पता अब शुरुआती चरण में ही लग जाएगा। इसके लिए जल्द ही प्रदेश के सभी गांवों में मोबाइल वैन सेवा शुरू की जाएगी। लोगों में इस खतरनाक बीमारी के परीक्षण को लेकर झिझक और डर रहता है लेकिन घर के पास जांच सुविधा मिलने से लोग परीक्षण करवा पाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने टाटा समूह के साथ तीन समझौते किए हैं। ये बातें गुरुवार को होमी भाभा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में आईपीडी सेवा का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहीं।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि राज्य सरकार ने टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) के साथ तीन एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। टीएमसी की ओर से सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे राज्यभर में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने टाटा मेमोरियल पर एक पुस्तक का भी विमोचन किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अस्पताल में आईपीडी सेवाएं शुरू की और चौथी मंजिल पर भर्ती मरीजों से बात भी की।
मुख्यमंत्री ने मानवता के प्रति अनुकरणीय सेवा के लिए टाटा समूह की भी सराहना की। कहा कि संगरूर और न्यू चंडीगढ़ में टाटा मेमोरियल अस्पताल मरीजों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान कर रहा है, जो राज्य के लिए वरदान है। राज्य सरकार ने संगरूर में कैंसर अस्पताल के लिए 42 करोड़ रुपये दिए हैं और इस नेक काम के लिए धन की कोई कमी नहीं है। मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह, हरजोत बैंस और अनमोल गगन मान, डेराबस्सी विधायक कुलजीत सिंह रंधावा और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद और अन्य मौजूद रहे..
सरकार हर साल देती है दो करोड़ का ग्रांट
मान ने कहा कि पिछले साल अस्पताल में ओपीडी सेवा शुरू की गई थी। 300 बिस्तरों की क्षमता वाला यह संस्थान कैंसर उपचार केंद्र के रूप में उभरा है। राज्य से कैंसर को खत्म करने की पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता के तहत अस्पताल को 52 एकड़ जमीन मुफ्त में दी गई है। राज्य सरकार अस्पताल के रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये अनुदान के रूप में देती है।
राज्य में खुलेंगे 16 मेडिकल कॉलेज: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सरकार राज्य में लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पंजाब भर में 16 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने जा रही है। पंजाब जल्द ही देश में चिकित्सा शिक्षा का हब बनकर उभरेगा। अब विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा के लिए यूक्रेन जैसे देशों में जाना नहीं पड़ेगा क्योंकि पंजाब जल्द ही उन्हें राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगा। इससे प्रतिभा पलायन को रोकने में मदद मिलेगी और सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि राज्य के शीर्ष स्तर के डॉक्टर राज्य में काम करें।