मुख्यमंत्री भगवंत मान की नजरें अन्य दलों के मजबूत नेताओं पर टिकी हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव से पूर्व आम आदमी पार्टी में शामिल करवाकर लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है..
जालंधर लोकसभा सीट के उप-चुनाव में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुशील रिंकू को कांग्रेस से तोड़कर ‘आप’ में शामिल करवाया था और उनका यह प्रयोग कामयाब रहा था क्योंकि ‘आप’ ने कांग्रेस के गढ़ जालंधर में सीट को जीतने में कामयाबी हासिल की थी।
मुख्यमंत्री व उनकी टीम को पता है कि आम आदमी पार्टी के पास फिलहाल पंजाब में अनेक सीटों पर उम्मीदवार नहीं हैं इसलिए अभी से अन्य पार्टियों में मौजूद मजबूत उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री का ध्यान कांग्रेस सहित सभी अन्य विरोधी पार्टियों के नेताओं की तरफ लगा हुआ है।
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कांग्रेस या अन्य पाॢटयों के नेता दागी नहीं होने चाहिए अर्थात उनके ऊपर भ्रष्टाचार को लेकर आरोप नहीं लगे होने चाहिए।मुख्यमंत्री भगवंत मान को लोकसभा चुनाव से पहले महानगरों में कार्पोरेशन चुनावों में विरोधियों से रू-ब-रू होना है और कार्पोरेशन चुनाव से पहले भगवंत मान कांग्रेस सहित कई पूर्व कौंसलरों को आम आदमी पार्टी में शामिल कर सकते हैं।
इन कौंसलरों की सूचियां भी मुख्यमंत्री व उनकी पार्टी के नेताओं ने बना ली हैं। आने वाले समय में अन्य पाॢटयों को मुख्यमंत्री सियासी झटका दे सकते हैं। कार्पोरेशन चुनाव चूंकि सितम्बर महीने के अंत में करवाए जाने के आसार हैं इसलिए उसे लेकर सियासी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।