पंजाब में सीएम भगवंत सिंह मान ने सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है। इसका परिणामस्वरूप, अब सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है। निजी स्कूलों की तरह, पहले स्कूलों के इमारती संरचनाओं का मौलिक आधारभूत ढांचा सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही, पहली बार पूरे राज्य में माता-पिता और शिक्षकों के बीच समूह बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
सीएम ने खोला पहला स्कूल आफ एमिनेंस
सीएम भगवंत मान मान ने अमृतसर में पहला स्कूल आफ एमिनेंस खोला है और इसके माध्यम से पंजाब में शिक्षा क्रांति की नींव रखी है। सरकार मेधावी छात्रों के लिए नया संकल्प लेकर 117 स्कूल स्थापित कर रही है।
“स्कूल ऑफ एमिनेंस” एक नया अनुभव है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वपक्षीय विकास सुनिश्चित करना है। इन स्कूलों के बनने से विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में निपुण बनाने और सीखने का एक उत्कृष्ट अनुभव होगा। ये स्कूल अत्युत्तम सुविधाओं के साथ लैस हैं और विद्यार्थियों को मानक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
ये स्कूल विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, कानून, वाणिज्यिक, यूपीएससी और एनडीए जैसे पांच पेशेवर और प्रतियोगिता वाले कोर्स के लिए तैयार करने पर केंद्रित हैं। इन स्कूलों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है।
आगे क्या बताया सीएम ने
सीएम भगवंत मान ने व्यक्त किया है कि शिक्षकों को केवल शिक्षा कार्यों के लिए नियुक्त किया जाए। पंजाब में लगभग 20 हजार सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 12 हजार प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। इनमें से 30 लाख छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि इस से भी ज्यादा बच्चों के लिए अन्य कार्य हैं, जैसे कि मिड-डे मील की तैयारी, राशन खरीद, उनकी देखभाल आदि। स्कूलों की देखभाल और उनका प्रबंधन भी शिक्षकों का ही काम हो रहा है। लम्बे समय से यहाँ तक कहा जा रहा है कि शिक्षकों को ही इन कामों को संभालना चाहिए। हालांकि, अब से शिक्षक सिर्फ शिक्षा का काम करेंगे, जबकि प्रबंधन से जुड़े अन्य कामों के लिए कैंपस प्रबंधकों को नियुक्त किया जाएगा।
सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। कैंपस मैनेजरों की भर्ती पेस्को एजेंसी के माध्यम से 2042 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में आरंभ हुई है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पेस्को के साथ एक समझौता किया है। शिक्षा विभाग के इस निर्णय से कैंपस मैनेजर ही स्कूल के प्रबंधन का काम संभालेंगे, जिससे शिक्षकों की अन्य कार्यों में ड्यूटियों के कारण पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कैसे की जा रही है भर्ती
उसी दिशा में, शिक्षा विभाग द्वारा 689 सीनियर सेकेंडरी स्तर पर 1378 सुरक्षा गार्डों की भर्ती पेस्को एजेंसी के माध्यम से की जा रही है। 8284 स्कूलों में से 2012 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को चौकीदारों और सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही, स्कूलों में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए बजट में विशेष व्यक्ति की वित्तीय सहायता की जा रही है। नियुक्त किए जाने वाले कैंपस मैनेजर को स्कूल प्रबंधन समिति के प्रमुख रूप में जिम्मेदार ठहराया जाएगा। स्कूलों की समिति नियमित अंतरालों पर उनके कार्य का निरीक्षण भी करेगी। यदि कार्य सही रूप से नहीं हुआ, तो उसकी सेवाएं समाप्त करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा जाएगा और उस मामले में कार्रवाई भी की जाएगी।