चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के संदर्भ में एक विवाद चल रहा है, लेकिन यह विवाद अब नामकरण का समय बिता चुका है। आज, कांग्रेस, भाजपा, और शहर के मेयर और पार्षदों ने एक धरना-प्रदर्शन किया है। चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत, ईंधन वाले वाहनों की पंजीकरण प्रक्रिया बंद कर दी गई है, जिससे व्यापारी समुदाय को कई समस्याएँ आ रही हैं। इसी संदर्भ में, मेयर और पार्षदों ने कैंपिंग को हटाने की मांग की है।
चंडीगढ़ इलेक्ट्रिक वाहन नीति के बारे में विवाद जारी है। आज, कांग्रेस, भाजपा, और आप के मेयर और पार्षदों ने इस नीति के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के खिलाफ सिविल सेक्रेटेरिएट क्षेत्र 9 के बाहर प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ ने इलेक्ट्रिक वाहन बढ़ावा देने के लिए एक इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई है, जिसके अंतर्गत ईंधन वाले वाहनों के पंजीकरण को बंद कर दिया गया है।
कैंपिंग को हटाने की की जा रही मांग
चार पहिया वाहनों का पंजीकरण जल्दी ही बंद हो सकता है, जिसके कारण सभी पार्टियों ने इसका विरोध किया है। वे ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) के तहत कैंपिंग को हटाने की मांग कर रहे हैं और उनका मानना है कि जैसे कि इलेक्ट्रिक व्हीकल का पंजीकरण किया जा रहा है, वैसे ही ईधन वाली गाड़ियों का भी पंजीकरण किया जाना चाहिए।
दोपहिया वाहनों का नहीं हुआ हैं पंजीकरण
“पिछले दिन, नगर निगम की बैठक में सभी पार्षदों ने इस समस्या पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। इस परिस्थिति में एक बड़ी संख्या में वाहन विक्रेता और उनके कर्मचारी भी उपस्थित हुए थे। इस साल, 12,076 दोपहिया वाहनों का पंजीकरण होना चाहिए था, लेकिन यह कार्रवाई नहीं की गई।”
‘1600 ईंधन वाले वहानों का होगा रजिस्ट्रेशन’
भाजपा के अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने यह कहा है कि उनकी पार्टी व्यापारियों के साथ है। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों की नीति के अंतर्गत 1600 ईंधन वाले वाहनों का पंजीकरण करने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में प्रशासन से मुलाकात करने की योजना बना रखी है, ताकि इस मुद्दे को समाप्त किया जा सके।
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राज्यपाल से मिलकर फिर होने जा रही इस मुद्दे पर चर्चा
कांग्रेस के पार्षदों ने सचिवालय जाने से एस डी एम की गाड़ी को रोका। उन्होंने सचिवालय के गेट के सामने प्रदर्शन किया। इसके परिणामस्वरूप पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मुकद्दमे में धक्का-मुक्की हुई। उन्होंने यह घोषणा की कि कल सभी दलों के प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिलेंगे। अगर वाहनों पर पाबंदी हटाने में कार्रवाई नहीं होती, तो फिर प्रदर्शन करने का विचार बनाया गया।