हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने कहा है कि किसानों को पराली न जलाने की सलाह दी है और इसके लिए कठिन कदम उठाए हैं। सरकार राज्य में पराली जलाने की निगरानी और रोकथाम के लिए ड्रोन का उपयोग कर रही है। इसके अलावा, पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा रही है।
हरियाणा में, मनोहर लाल खट्टर सरकार के द्वारा पराली जलाने के घटनाओं को रोकने के प्रयासों का प्रभाव दिख रहा है। राज्य में अब तक केवल 714 मामले पराली जलाने के आए हैं। सरकार ने कहा है कि वे किसानों में जागरूकता और सहयोग के साथ पूरी तरह से पराली जलाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पराली प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, और इसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले, इस साल प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में सामान्यत: कमी आई है। अब तक, राज्य में 714 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जबकि इस अवधि के दौरान वर्ष 2022 में 893 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, वर्ष 2021 में इनकी संख्या 1508 थी। पड़ोसी राज्य पंजाब में इस साल अब तक पराली जलाने की 1794 घटनाएं सामने आ चुकी है.
सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लिया
खट्टर सरकार ने बताया कि वह पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से देख रही है और किसानों के सहयोग से पराली जलाने के प्रशासनिक कार्यों में काफी सफलता प्राप्त की है। पराली के बिना जलाने के संबंध में हरियाणा सरकार ने सिर्फ जागरूकता अभियान ही नहीं चलाया है, बल्कि वह इसे प्रबंधन के लिए हर एकड़ पर 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान भी किया है।
किसानों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे उपकरण
कृषि विभाग के द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनों और उपकरणों की भी बेहतरी प्राप्त करवाने की योजना है। नियमन की घट रही होने की घटनाओं से स्पष्ट हो रहा है कि हरियाणा सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के मामले में किसानों को जागरूक करने के प्रयासों में सफल हो रही है। राज्य सरकार पराली को जलाने के बिना इसे नष्ट करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से समर्थ हो रही है।