दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में इन दिनों वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है. विशेषकर एनसीआर में, कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस संदर्भ में, हरियाणा के झज्जर जिले के डिप्टी कमिशनर कैप्टन शक्ति सिंह ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के अंतर्गत कुछ प्रतिबंधों की घोषणा की है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां उद्योग और वाहनों से होने वाले धूल-प्रदूषण का सामना किया जाता है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे पराली की जलान न करें।
“शक्ति सिंह ने कहा कि आने वाले महीने त्योहार का महीना है और उन्होंने लोगों से आतिशबाजी से बचने की अपील की। उन्होंने बताया कि एनसीआर में केवल हरित पटाखों की अनुमति है और अगर कोई प्रतिबंधित पटाखे लाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को समझाएं कि ज्यादा पटाखे न जलाएं और प्रदूषण को फैलने से बचें।”
एनसीआर राज्यों से गोपाल राय ने कहा था ये
अभी हाल ही में, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट’ (सीएसई) नामक स्वतंत्र पर्यावरण विचारक संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 31 प्रतिशत वायु प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी के स्रोतों से आता है, जबकि 69 प्रतिशत प्रदूषण एनसीआर (ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुडगाँव) राज्यों के स्रोतों से उत्पन्न होता है। उन्होंने इस पर बल दिया कि एनसीआर राज्यों में पूरे क्षेत्र में पटाखों और पराली की जलान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए और केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के चलने की अनुमति देनी चाहिए।
गोपाल राय ने आगे और क्या कहा था?
दरअसल दी गई राय के अनुसार , एनसीआर के राज्यों में प्रदूषण को कम करने के लिए ईंट भट्टों को जिग-जैग तकनीक का उपयोग करना चाहिए। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि एनसीआर की सभी आवासीय सोसाइटियों को हर समय बिजली उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि डीजल जेनरेटरों पर निर्भरता कम हो।