सीएम मनोहर लाल रविवार को सिरसा के विशेष दौरे पर पहुंचे। जैसे ही सिरसा पहुंचे, उन्होंने सिंकदपुर में स्थित राधा स्वामी ब्यास डेरे के सत्संग में शामिल होने का संघर्ष किया। वे डेरे के सत्संग में लगभग दो घंटे तक भाग लिए, और उसके बाद विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। इस दौरान, सिरसा में अनाजमंडी में आढ़ती एसोसिएशन के कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री पहुंचे। वहां उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मंडी में मजदूरों से बातचीत करना शुरू किया।
सीएम ने धान की बोरी में से धान निकालकर मजदूर के हाथ में थमाते हुए पूछा, “कितनी नमी है?” इस पर मजदूर ने 16 से 17 प्रतिशत नमी होने की जानकारी दी। इस पर सीएम हैरान रहे और यह पूछा, “यदि यह नमी अधिक होती तो क्या कार्रवाई होती?” मजदूरी के संघ के प्रधान ने उत्तर देते हुए कहा, “अगर धान में अधिक नमी होती है तो उसका अतिरिक्त वजन तोला जाता है।” सीएम ने यह कहा, “आप वजन कम करते हो या फिर धान को अधिक तोलते हो, यह नियमानुसार है।”
“इसके बाद, आढ़ती एसोसिएशन के प्रमुख मनोहर महत्ता ने आलोचना की कि चाहे वह कोई भी विकास कार्य हों या मूलभूत सुविधाएं, सभी इनके अंतर्गत होनी चाहिए। वर्तमान में, विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अलग-अलग स्थानों पर दौड़ना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड वालों को इस काम को संभालने का आदेश दिया है। मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष आदित्य चौटाला वहीं से हैं, और उनसे यह काम करवाने का समझौता किया जाएगा।”
इससे पहले सीएम ने यहां का किया दौरा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रेडक्रॉस भवन में नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र की स्थिति की जाँच की। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक एकड़ ज़मीन कहीं भी उपलब्ध नहीं थी, लेकिन रेडक्रॉस की सरकारी ज़मीन पर नशा पीड़ितों के लिए पुनर्वास केंद्र बनाने का आदिकारिक निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भविष्य में एक बहुमंजिला भवन की योजना तैयार की जाएगी। इसके बाद, उन्होंने मेडिकल कॉलेज की ज़मीन की निरीक्षण के लिए यात्रा की, जहाँ उन्होंने ज़मीन की स्थिति की जाँच की और फिर नागरिक अस्पताल में नशा पीड़ितों से मिलने के लिए वहाँ जा गए। मुख्यमंत्री ने नशा पीड़ितों से बातचीत की और उनकी वर्तमान स्थिति का पता लगाया।