अकेले सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को सख्त बनाने के लिए, आरपीएफ ने पूरी तैयारी कर ली है। इन महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आरपीएफ की मेरी सहेली टीम तैयार है, जो इन महिलाओं के सुरक्षित सफर के साथ ही उनकी अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करेगी। त्योहारों के दिनों में दूर-दराज क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं, कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं और बुजुर्ग महिलाएं आदि कई बार ट्रेनों में अकेले सफर करती हैं।
मेरी सहेली टीम ट्रेनों में यात्रा करने वाली दूरदर्शी महिलाओं से जानकारी इकट्ठा करती है, जिसमें पीएनआर नंबर, बोगी संख्या, ट्रेन नंबर, और अन्य विवरण शामिल होते हैं। फिर, जब हम महिलाओं से संपर्क करते हैं, तो हम उनकी सामने आने वाली समस्याओं का भी अधिकारी रूप से नोट करते हैं। हम युवतियों को आपातकाल मदद पहुंचाने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाते हैं, चाहे वो किसी गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना हो या ट्रेन के अंदर दुश्मनों को सबक सिखाना हो। हमारी टीम हर प्रकार के मामलों में सशक्त और सफल तरीके से काम करती है। अंबाला रेल मंडल में, मेरी सहेली टीम के तहत तीन टीमें हैं, जो मिलकर काम करती हैं।
क्या निर्देश दिए गए
मेरे सहेली टीम को ऐसे महिलाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जो एक आरपीएफ द्वारा बनाई गई है। हम रेलवे की मदद भी प्राप्त करेंगे, ताकि हम महिलाओं की यात्रा के प्रारंभ और समापन स्थान की जानकारी प्राप्त कर सकें। इस प्रक्रिया के दौरान, हम महिलाओं से उनके मोबाइल नंबर और घर का पता पूछेंगे। साथ ही, जब ट्रेन के बीच के स्टेशनों पर ठहराव होता है, वहां हमारी टीम महिला यात्री के संपर्क में रहेगी। जब महिला अपने अंतिम स्टेशन पर पहुंचकर घर पहुंच जाती है, तो हम उनसे मोबाइल के माध्यम से पूछताछ भी करेंगे।बताते चलें कि रेलवे ने सितंबर 2020 में मेरी सहेली टीम की गठन की थी।