हरियाणा में पराली (धान की फसल के अवशेष) प्रबंधन पर बड़ा दावा किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है। अवैध क्रशर और खनन, नियमों का उल्लंघन करते हुए चोरी-छिपे निर्माण कार्य, उद्योगों के धुआं उगलने और सड़कों पर दौड़ते खतरनाक वाहनों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। किसान रात में पराली जला रहे हैं।
हरियाणा में पराली प्रबंधन पर वादे बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रदूषण में कोई कमी नहीं आ रही है।पराली जलाने के मामलों में कमी तो हो सकती है, लेकिन चोरी-छिपे चल रहे क्रशर, अवैध खनन, नियमों को ताक पर रखकर चल रहे निर्माण कार्यों, धुआं उगलते उद्योगों और सड़कों पर दौड़ते खतरानाक वाहनों के कारण प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों की भी उड़ाई जा रही धज्जियां
अधिकांश स्थानों पर, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश ने प्रदूषण नियंत्रण में विफलता को साबित किया है, और जिला स्तर पर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) को लेकर भी सक्रियता की कमी है।
प्रदूषण से एनसीआर के जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
हवा के कारण होने वाली जहरीलापन के कारण अस्पतालों में उन मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो श्वास, त्वचा, और नेत्र संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं, और यह वृद्धि 30 प्रतिशत तक हो गई है।अधिकांश प्रदेश के शहरों में स्थित स्थिति बुरी है, लेकिन एनसीआर के जिले में सबसे अधिक प्रभावित हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर के बाद, अब पानीपत में भी उपायुक्त ने स्कूलों को नौ से 13 नवंबर तक के लिए अवकाश घोषित कर दिया है।
रात में किसान जलाते पराली
बहुत से किसान रात को पराली जला रहे हैं ताकि सैटेलाइटों से न दिखें। रोज़ाना की इस गतिविधि की जानकारी रात आठ बजे तक अपडेट की जाती है, और इस खामी से बचने के लिए किसान रात के बाद खेतों में आग लगा रहे हैं।
हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए हरियाणा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर उपग्रह इमेजिंग का उपयोग कर रहा है, लेकिन यह इमेजिंग 24 घंटे तक नहीं हो रही है। इस इमेजिंग को 12 घंटे के अंतराल पर किया जा रहा है, जिससे पराली में आग लगने की घटनाओं की सटीक जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है।
सीएम मनोहर बोले- हम मदद के लिए तैयार
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का मामला राजनीतिक विषय नहीं है। अगर अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान पराली प्रबंधन में सहयोग करना चाहें, तो हम तैयार हैं।
हरियाणा में, किसानों को पैराली प्रबंधन के लिए मशीनों की प्रदान के साथ-साथ सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, सभी को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। पैराली के वाणिज्यिक उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जैसे कि एथेनॉल उत्पादन, ऊर्जा प्लांट्स, और ब्रिक्स में पैराली का उपयोग।
अब तक कितने स्थानों पर जली पराली
हरियाणा में अब तक 1649 स्थानों पर पराली जलाने के मामले पकड़ में आए हैं। इस सप्ताह पराली जलाने के मामले बढ़े हैं। रविवार को 109 स्थानों पर पराली जली, अगले दिन 65 और मंगलवार को 26 स्थानों पर किसानों ने पराली जलाई। बुधवार को 44 स्थानों पर पराली जलाई गई।
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