एशियन गेम्स के बाद, एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भी बेटियां शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। तमिलनाडु के कोयंबटूर के नेहरू खेल स्टेडियम में आयोजित 38वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में, खिलाड़ियों ने पदक जीतने का उत्साह दिखाया। इस चैम्पियनशिप में, जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में बनगांव की मीनाक्षी और दीपिका ने जेवलिन थ्रो में 54.13 मीटर का थ्रो करके गोल्ड मेडल जीता है।
खेलों में पिछड़े जिले की बेटियां अब अपने ब्रेवरी और प्रतिबद्धता से बढ़ते कदमों के साथ नजर आ रही हैं। उन्होंने पहले नेशनल गेम्स में अपनी शक्ति प्रकट करके दिखाया था, और अब नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतकर देशवासियों को गर्वित किया है। इस सफलता के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि अब खेलों में बेटियों को समर्थन मिल रहा है, और उनके परिवारों में भी खेल के प्रति रुझान बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में, इस संख्या में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि परिवार के सभी सदस्य चाहते हैं कि बेटों और बेटियों दोनों को मिलकर खेल में उत्कृष्टता की ऊँचाइयों तक पहुंचाएं।
38वीं जूनियर राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, जो अब तमिलनाडु के कोयंबटूर के नेहरू खेल स्टेडियम में आयोजित हो रही है, में खिलाड़ियों ने पदक जीतने का उत्साह दिखाया है।
एथलेटिक्स हरियाणा के महासचिव राजकुमार मिटान और प्रवक्ता सत्यवीर धनखड़ ने बताया है कि जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बनगांव की मीनाक्षी ने किड्स जेवलिन में 44.05 मीटर का शानदार थ्रो किया है और उन्होंने इस साथ स्वर्ण पदक जीता है, जिसमें वह जूनियर नेशनल रिकॉर्ड भी स्थापित कर रही हैं। इसी तरह, बनगांव की दीपिका ने जेवलिन थ्रो में 54.13 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है और स्वर्ण पदक जीता है। इस सफलता के साथ, गांव बोस्ती की पूजा ने भी लॉन्ग जंप में नेशनल रिकॉर्ड स्थापित किया है।
1.81 मीटर की ऊंची छलांग लगाकर पूजा ने जीता स्वर्ण पदक
पूजा ने 1.81 मीटर की ऊंचाई के हाई जंप में छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता और एक नए प्रतियोगिता रिकॉर्ड को स्थापित किया। इससे पहले, एशियन गेम्स में, उन्होंने महज दो सेंटीमीटर से पदक जीतने का अवसर छोड़ दिया था। इस महत्वपूर्ण क्षण पर, जिले के खेल एवं युवा खेल अधिकारी राजबाला ने बधाई दी और कहा कि जिले के खिलाड़ियों ने नेशनल रिकॉर्ड के साथ पदक हासिल किया है। उन्होंने आगे बढ़कर कहा कि इसी तरह की लगातार मेहनत करते रहने पर एक दिन ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश के लिए पदक जीतेंगे।
खिलाड़ियों ने कोच को दिया अपनी जीत का श्रेय
वहीं, खिलाड़ियों ने अपनी जीत का श्रेय अपने कोच सुंदर सिहाग, डीपीई हनुमान सिंह बनगांव, बलवान सिंह पारता के साथ सरकार की नीतियों को दिया। उनका कहना है कि अब सरकार शुरुआती स्तर पर पदक जीतने पर आर्थिक सहायता करती है, जिससे पदक जीतने में आसानी होती है। उनके कोच ने लगातार कड़ी मेहनत करवाई है, जिससे उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीता।