इस साल के पहले 16 जिलों में, दीपावली से पहले, पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, और इस संबंध में विभाग ने किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ, 40 हजार रुपए का भी जुर्माना लगाने का फैसला किया है। वहीं दूसरी और उन किसानों को, जो पराली नहीं जलाएंगे, सरकार एक हजार रुपये प्रति एकड़ भी प्रदान करेगी। जिसके लिए, किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा।
पराली प्रबंधन के कई प्रयासों के बावजूद, जिले में पराली जलाने के मामले अब भी नहीं रुक रहे हैं। इस वर्ष की चर्चा करें तो, दीपावली से पहले तक, जिले में 16 स्थानों पर पराली जलाई गई। हालांकि, विभाग की ओर से किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ, जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, दीपावली से पहले तक, विभाग ने पराली जलाने वालों पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे के संबंध में एक विशेष विभाग के द्वारा सभी किसानों को जागरूक करने की कोशिश भी की जा रही है। बताते चलें की राज्य सरकार उन किसानों के लिए जो पराली नहीं जलाते, हजार रुपए प्रति एकड़ देने का ऐलान भी कर चुकी है। इसके लिए, धान उत्पादक किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
दीपावली पर पराली जलाने के मामले हुए शून्य
दीपावली पर आग लगने के मामले सामने आए हैं, लेकिन जिला में पराली जलाने का कोई मामला हुआ है। अधिकारियों का दावा है कि दीपावली पर पराली जलाने का आंकड़ा शून्य रहा है। हालांकि, उससे पहले तक कुल 30 सूचनाएं विभाग के पास आई थीं, लेकिन जब वे वैरीफिकेशन की गईं, तो 16 मामले पराली जलाने के पाए गए हैं।दरअसल ये जुर्माना सभी विभागों ने वसूल किया है, और उनके किसानों को सरकार द्वारा प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है जो पराली नहीं जलाते हैं। इस लाभ का उपयोग करने के लिए, धान उत्पादक किसानों को 30 नवंबर तक पोर्टल पर पंजीकरण करना आवश्यक है।
पराली को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा हैं
जिले में पराली प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक करने का कार्य प्रगट है। इस कारण, जिले में तीन प्रचार वाहनों का उपयोग किया जा रहा है। हाल ही में, महम के बैंसी और आसपास के गांवों में किसान मेले आयोजित किए गए हैं। गांव-गांव में, विभाग के कर्मचारी भी किसानों को जागरूक करने में सक्रिय हैं। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को मशीनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।