पंजाब में, आम आदमी पार्टी (AAP) की भगवंत मान सरकार इस महीने के अंतिम सप्ताह तक फिर से विधानसभा सत्र बुला सकती है. यह इसलिए हो रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रदेश के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच पहले ही विवाद था. राज्यपाल ने पंजाब सरकार के विशेष विधानसभा सत्र को अवैध घोषित किया था, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में जाकर राज्यपाल के खिलाफ चुनौती दी थी. मामले पर 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के संबंध में विधानसभा सत्र को अवैध घोषित किया है, कहते हुए कि वह “आग से खेल रहे हैं”. अगर राज्यपाल को भी लगता है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है, तो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेजना चाहिए. पंजाब सरकार के पक्ष से अभिषेक मनु सिंघवी ने यह कहा है कि राज्यपाल के रहते विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव सा लगता है. इस पूरे मामले के बाद, अब पंजाब सरकार फिर से विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है, और उन्हें इसके लिए राज्यपाल से जल्दी ही मंजूरी मांगनी पड़ेगी।
विधानसभा हुई थी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
पहले विधानसभा के चौथे सत्र की 20-21 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक को राज्यापाल ने बिलों को अटकाने के आरोप लगाए थे, जिसके चलते सीएम भगवंत मान ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। अब, सीएम मान ने मौजूदा विधानसभा के चौथे सत्र को स्थाई तौर पर बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी है।
इसके साथ ही कहा जा रहा है कि नवंबर महीने के अंत में विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है। तारीख का निर्धारण होने और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद, राज्य सरकार विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखेगी। इसके बाद, सचिवालय की ओर से विधानसभा सत्र की मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास पत्र भेजा जाएगा।
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