हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बड़ी सौगात देने के दौरान मासिक मानदेय में वृद्धि के साथ, सेवानिवृति पर मिलने वाली राशि में वृद्धि के साथ कई घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ सीधे संवाद करते हुए उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मासिक मानदेय में बढ़ोतरी के साथ सेवानिवृति पर मिलने वाली राशि में वृद्धि के साथ कई घोषणाएं की। उन्होंने 10 वर्ष से अधिक अनुभव वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पारिश्रमिक को 12,661 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह करने का ऐलान किया। इसके साथ ही, 10 वर्ष तक के अनुभव वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मिनी-आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पारिश्रमिक को 11,401 रुपये से बढ़ाकर 12,500 रुपये प्रति माह तथा आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पारिश्रमिक को 6,781 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये किया गया है। इस घोषणा के साथ ही हरियाणा देश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वाधिक मानदेय देने वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 23,486 आंगनवाड़ी वर्कर्स, 489 मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स, और 21,732 आंगनवाड़ी हेल्पर्स कार्यरत हैं।
क्या घोषणा की सीएम मनोहर ने
मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्ति पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले 1 लाख रुपए के बजाय 2 लाख रुपए करने और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने की घोषणा की है। वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति पर 1 लाख रुपए और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 50 हजार रुपए का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को प्रति वर्ष दो वर्दी (यूनिफॉर्म) के लिए दी जाने वाली राशि को 800 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिवर्ष करने की भी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने एलान किया है कि पर्यवेक्षक के पद के लिए आवश्यकता और न्यूनतम योग्यता के आधार पर, 10 साल के अनुभव वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में से योग्यता-सह-वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति के लिए पर्यवेक्षकों के 25 प्रतिशत पद अलग रखे जाएंगे। इस पदोन्नति की प्रक्रिया के लिए लिखित परीक्षा द्वारा चयन किया जाएगा, जो फरवरी 2024 में होगी।उन्होंने यह भी घोषणा की है कि राज्य सरकार मौजूदा आंगनवाड़ियों को परिवर्तित करके 4000 अतिरिक्त बाल वाटिकाएं स्थापित करेगी और उन्हें गांव के सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करेगी। इससे प्री-स्कूल (नर्सरी) शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार स्कूली शिक्षा में एकीकृत किया जा सकेगा। यह सरकारी स्कूलों में कमरों की उपलब्धता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले ही प्रदेश में 4000 आंगनवाड़ियों को प्ले-वे स्कूल या बाल वाटिका में परिवर्तित किया गया है और अब आंगनवाड़ियों की मांग है कि ऐसी और आंगनवाड़ियों को बाल वाटिका में परिवर्तित किया जाए। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले पारिश्रमिक में 60 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत हिस्सा हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसके बाद बढ़ी गई राशि को हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
आगे क्या क्या बताया
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बचपन को संभालने और तराशने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका बच्चों को संस्कारित बनाने में महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, व्यक्ति का निर्माण उसके बचपन में होता है, और इस समय में ही उसकी नींव रखी जाती है। यह सही दिशा में काम करने से बच्चा भविष्य में देश का ज़िम्मेदार नागरिक बनता है। उनका कहना है कि सही दिशा में काम करने से बच्चों की जिज्ञासा को शांत किया जा सकता है और वे संस्कृत, ज्ञानवर्धन, और बलशाली बन सकते हैं।उन्होंने बच्चों के पोषण, टीकाकरण, और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी को भी बताया। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पोषण अभियान शुरू किया है और इसे सफल बनाने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नमन किया है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से हर बच्चे के वज़न का मासिक अपडेट करने का अनुरोध किया और स्वास्थ्य कार्ड में इस डेटा को अपडेट करने का आदान-प्रदान बताया। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की सर्वांगीण विकास के लिए योजना के तहत साल में एक बार सर्वे करने की भी अपील की।