पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार (Bhagwant Mann Government) अब विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में है, जिसका शीतकालीन सत्र 28-29 नवंबर को होगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है, जो 10 नवंबर को आये थे। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने जून में पंजाब विधानसभा को अवैध घोषित किया था और इसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को फटकार लगाई थी।
पंजाब सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र को बुलाने के लिए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मंजूरी मांगेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पाँच दिन पहले ही विधानसभा के चौथे सत्र को स्थायी तौर पर बढ़ाने की प्रक्रिया को मंजूरी दी थी। 20-21 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
सीएम मान ने लगाया यह आरोप
मुख्यमंत्री मान ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बिलों को अटकाने का प्रयास किया है, इसके चलते उन्होंने विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से कहा था। अब, 28-29 नवंबर को राज्य सरकार विधानसभा सत्र बुलाने के लिए पंजाब विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखेगी। इसके बाद, सचिवालय पुरोहित के पास शीतकालीन सत्र के लिए परमिशन के लिए पत्र भेजेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिखाई थी सख्ती
सीएम मान और राज्यपाल पुरोहित के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बारे में बताएं। विधानसभा में पास होने वाले बिलों पर राज्यपाल ने अपनी दस्तख़त नहीं की, जिसके बाद सीएम और राज्यपाल के बीच विवाद उत्पन्न हुआ। सुप्रीम कोर्ट में मामला चलते समय, कोर्ट ने राज्यपाल को आगे बढ़ने पर कहा कि वे आग से खेल रहे हैं। लोकतंत्र वास्तविक अर्थ में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के द्वारा निर्देशित होता है।