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पलवल में भव्य तरीके से मनाई गई वीरांगना झलकारी बाई की जयंती, मुख्यमंत्री ने झलकारी बाई को नमन कर अर्पित की श्रद्धांजलि।

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में निरंतर समाज के संत महापुरुषों और वीर वीरांगनाओं की जयंतियां सरकारी स्तर पर मनाने की दिशा में शुरू की गई संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना के तहत जिला पलवल में रानी लक्ष्मी बाई की सेनापति रही झलकारी बाई की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश की जनता की ओर से झलकारी बाई को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को जिला पलवल में रानी लक्ष्मी बाई की सेनापति रही झलकारी बाई को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने समाज को ऐसी महान वीरांगना की कथा से प्रेरित करने के लिए घोषणा करते हुए कहा कि पलवल के आगरा चौक पर स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम झलकारी बाई के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा उन्होंने पलवल के मोहन नगर के वार्ड नंबर-4 में कोली समाज के एक भव्य भवन का निर्माण किये जाने की भी घोषणा की। इस भवन में झलकारी बाई की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी, जिससे भावी पीढ़ी को इनकी गाथाओं से अवगत करवाया जा सकेगा। इस पर लगभग 3 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन बहुत ही गौरव का दिन है, जब वीरांगना झलकारी बाई की जयंती मनाई जा रही है, क्योंकि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सन् 1857 में स्वाधीनता संग्राम में हम सभी ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम तो सुना है, लेकिन वीरांगना झलकारी बाई के नाम को इतिहास में उतना अधिक नहीं जानते। वीरांगना झलकारी बाई झांसी की रानी की हमशक्ल थी और वे महिला सेना की सेनापति थी, जिन्होंने अपने शौर्य से झांसी की रानी की जान बचाने और देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर, 1830 में हुआ था।
उन्होंने कहा कि मैथिली शरण गुप्त ने अपनी कविता में झलकारी बाई जी का वर्णन किया है कि- आकर रण में ललकारी थी, वह तो झांसी की झलकारी थी। गोरों से लड़ना सीखा गई, रानी बन जौहर दिखा गयी, इतिहास में झलक रही वह भारत की ही नारी थी, आकर रण में ललकारी थी, वह तो झांसी की झलकारी थी। उन्होंने कहा कि हमारे समाज की महिलाएँ, बेटियां झलकारी बाई से प्रेरणा लें यही हमारा लक्ष्य है। आज के युग में हमारी बेटियां अंतरिक्ष, खेल, डिफेंस सहित विभिन्न क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में अनेक अनसंग हीरोज हुए हैं, जिनसे इतिहास भरा पड़ा है। लेकिन उनका नाम पिछली कई सरकारों ने आगे नहीं बढ़ाया। परंतु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ऐसे अनसंग हीरोज के नाम को जीवित रखने का बीड़ा उठाया। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने वीरांगना झलकारी बाई के नाम से डाक टिकट भी जारी किया था। उनकी प्रेरणा से ही हरियाणा में भी हमने संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना चलाई। ‌जिसके तहत संत-महापुरुषों की जयंतियां व शताब्दियों सरकारी स्तर पर मनाने की पहल की। उन्होंने कहा कि आज केंद्र व प्रदेश सरकार शहीदों, संत-महापुरुषों के नाम से बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों व संस्थानों के नाम रख रही है। लेकिन पिछली सरकारें एक परिवार के नाम पर ही सबके नाम रखती थी, एक परिवार ही चमक रहा था। लेकिन हमारी सोच है कि जिन्होंने देश की जनता को दिशा दिखाने का काम किया है, उनके नाम को आगे बढ़ाएंगे।

बाइट: मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा

वीओ: मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में 3-सी यानी करप्शन, क्राइम और कास्ट बेस्ड पॉलिटिक्स को खत्म कर 7 स्टार राज्य बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमने 7 एस- यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन, स्वाभिमान, सुशासन और सेवा पर फोकस करके अंत्योदय के उत्थान के लिए कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विगत 9 सालों में लगातार अंत्योदय उत्थान के अपने लक्ष्य पर चलते हुए गरीबों व वंचितों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना व चिरायु हरियाणा योजना के तहत प्रदेश के लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा, बीपीएल आय सीमा को राज्य सरकार ने 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये कर 39 लाख परिवारों को राशन कार्ड की सूची में जोड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर बनाकर दिए गए हैं। अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना शुरू की है, जिसमें और अधिक गरीबों को घर दिए जाएंगे। उन्होंने ‌कहा कि 1.80 लाख रुपये तक आमदनी वाले परिवारों के सदस्य की मृत्यु पर भी दयालु योजना के तहत परिवार को 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इतिहास में एक प्रसंग में हम पढ़ते हैं कि भगवान श्रीराम द्वारा लंका जाने के लिए जब पुल बनाया जा रहा था, तो उसमें एक गिलहरी का भी योगदान याद किया जाता है। उसी प्रकार हमारे एक कार्यकर्ता रामफल कोली के भी योगदान को हम आज याद करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1994 से जब वे स्वयं हरियाणा में पार्टी के कार्य से जुड़े तो उस समय श्री रामफल कोली जी के साथ काम किया। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के शासन को लाने में हमारे हर कार्यकर्ता की तरह श्री रामफल कोली जी का योगदान याद रखा जाएगा।

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