कानपुर में हुई हिंसा में अब तक कुल 3 FIR दर्ज हो चुकी हैं। दो FIR पुलिस ने दर्ज की हैं। एक चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों की तरफ से दर्ज कराई गई है। रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और DM ने फ्लैग मार्च किया। घरों में दबिश देकर संदिग्ध उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस के मुताबिक 36 लोगों की पहचान की जा चुकी है। बरामद फोटो से अन्य लोगों की पहचान की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। 40 नामजद और 1 हजार अज्ञात लोगों पर केस दर्ज हुए है।
वहीं, CM योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात बुलाई। इस हाई लेवल मीटिंग के बाद ये आदेश दिया गया कि उपद्रवियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाना पड़े तो चलाया जाए। यहां बता दें कि 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
दंगे के दौरान यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। साथ में PM नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ भी थे। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले शुरू हो गई थी।
दुकानों को जबरन बंद कराने से भड़की हिंसा
नौ दिन पहले यानी 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट हो रही थी। इसमें भाजपा नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट के सवाल पर नूपुर ने पैगंबर साहब पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई।