कानपुर। तीन जुन को जुमे की नमाज के बाद बेकनगंज थानाक्षेत्र स्थित हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने गुरिल्ल वार के जरिए पुलिस और आमलोगों पर हमला किया। जिससे कई लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। अब पुलिस-प्रशासन शातिरों पर फुल एक्शन कर रहा है। दंगे के मास्टमाइंड हयात जफर हाशमी के रिश्तेदार मोहम्मद इश्तियाक के घर पर केडीए का बुलडोजर चला।
तीन जुन को हुई थी हिंसा
कानपुर में तीन जून को हिंसा हुई थी। एडीजी लॉ-एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने घटना के बाद कहा था कि, एक-एक उपद्रवी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने के साथ ही अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया जाएगा। शनिवार को केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह के आदेश पर केडीए का अमला भारी फोर्स के साथ बेनाझाबर स्थित कारोबारी मोहम्मद इश्तियाक की अवैध बिल्डिंग पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है। बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ केडीए, प्रशासन के अधिकारी व आरएएफ के जवान भी मौके पर हैं। केडीए के बुलडोजर ने मकान को ध्वस्थ कर दिया है।
हयात का रिश्तेदार बताया जा रहा
बताया जा रहा है कि,ये बिल्डिंग अवैध रुप से बनी थी तथा इसके ढहाने का आदेश पहले ही हो चुका था, परंतु गत दिनों की हिंसा के पीछे मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी का मोहम्मद इश्तियाक रिश्तेदार बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि इस इमारत के निर्माण में हयात जफर हाशमी का भी पैसा लगा है। इसके अलावा नई सड़क उपद्रव में जिसे एक बड़े बिल्डर का नाम आ रहा है उसने भी इसके निर्माण में पैसा खर्च किया है।
बिल्डिंग के आधे हिस्से को गिरा दिया गया
केडीए ओएसडी अवनीश सिंह ने बताया कि आवासीय में इश्तियाक का नक्शा दर्ज है। लेकिन पूरी बिल्डिंग को कॉमर्शियल बना दिया । 130 वर्ग मीटर जमीन के अलावा रोड पर करीब 10 वर्ग मीटर अवैध निर्माण किया गया था। सेटबैक भी नहीं छोड़ा था। इसलिए केडीए वीसी अरविंद सिंह के निर्देश पर अवैध हिस्सा गिराने की कार्रवाई की जा रही है। केडीए अधिकारियों के मुताबिक 2021 में बिल्डिंग को सील किया गया था। ध्वस्तीकरण के आदेश भी दिए गए थे, इसके बाद भी निर्माण जारी रखा गया है। बिल्डिंग के आधे हिस्से को गिरा दिया गया है।
कौन है हयात जफर हाशमी
हयात जफर हाशमी कानपुर का मुस्लिम नेता है। वह मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन का चीफ है। हाशमी ने सीएए और एनआरसी के दौरान यूपी के कई धरना-प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। मुस्लिमों का मसीहा बनने के लिए हाशमी अक्सर किसी न किसी मुस्लिम संगठन के साथ मिलकर काम करता है। 3 जून की हिंसा में नाम आने के बाद आरोपी कानपुर से फरार हो गया था। जिसे यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से उसके तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था।