गलवान के बाद तवांग में चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी। तवांग में मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पीछे धकेल दिया है। इस दौरान भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। जिसमें 6 भारतीय सैनिक घायल हैं। वहीं जानकारी मिल रही है कि चीन के 20 से ज्यादा सैनिक घायल हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान देकर पूरी घटना से अवगत कराया। रक्षामंत्री ने सदन में कहा कि चीनी सैनिकों ने एलएसी पर यथास्थिति बदलने के कोशिश की थी। चीनी और हमारे सैनिकों के साथ हाथापाई भी हुई। भारतीय सैनिकों ने अतिक्रमण करने से रोका साथ ही उन्हे अपनी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया।
तवांग झड़प पर विपक्ष हमलावर
अरूणाचंल प्रदेश में तवांग सेक्टर में भारतीय सैनिकों और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां सरकार से जवाब मांग रहीं थीं। विपक्षी पार्टियों का कहना था कि तवांग के मौजूदा हालात क्या हैं। सरकार देश को बताए कि एलएसी पर क्या हालात हैं। विपक्ष ने रक्षामंत्री से संसद में बयान देने की मांग की थी। तवांग में हुई झड़प को लेकर रक्षामंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान देकर मौजूदा हालात से देश को अवगत कराया।
फ्लैग मीटिंग
चीनी सैनिकों ने यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था। भारतीय सैनिकों ने बाहदुरी से उन्हे रोका। इसके साथ ही उन्हे पोस्ट जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस दौरान चीनी सैनिकों और हमारे सैनिकों के बीच झड़प भी हुई। दोनों तरफ से सैनिकों को कुछ चोटें आईं हैं। हमारा कोई भी सैनिक गंभीर रूप से घायल नहीं है, नहीं कोई सैनिक शहीद हुआ है। इस घटना के बाद लोकल कमांडर ने चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की थी।
भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को इस तरह की हिमाकत नहीं करने की चेतावनी दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे मजबूत बात कहते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि सदन हमारी सेना की प्रतिबद्धता और क्षमता का सम्मान करेगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान को राज्यसभा में भी दोहराया। उन्होने कहा कि इस मुद्दे को कूटनीतिक तौर भी उठाया गया है। हमारी सेना भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सदन हमारे सैनिकों के साहस और वीरता का अभिनंदन करेगा।