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ऐसे एनकाउंटर में मारा गया 300 करोड़ का मालिक गौ तस्कर अकबर बंजारा व उसका भाई सलमान, जानें मेरठ के दो लाख इनामिया कुख्यात ‘कसाई’ को क्यों कहा जाता था नॉर्थ ईस्ट का डॉन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद का रहने वाला कुख्तार गौ तस्कर अकबर बंजारा को असम पुलिस ने अप्रैल 2022 में उसके छोटे भाई सलमान के साथ मार गिराया था। कसाई पर दो लाख का इनाम था। अकबर, पिछले दो दशक से गौ तस्करी का काम कर रहा था। असम पुलिस अपराधी की तलाश के लिए लगातार दबिश दे रही थी। सटीक सूचना पर मुरठ पुलिस ने अकबर और उसके भाई को गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने दोनों आरोपियों को असम पुलिस के हवाले कर दिया था। अकबर करीब 300 सौ करोड़ से ज्यादा सपंत्ति का मालिक था।

मेरठ पुलिस ने किया था गिरफ्तार
यूपी के दो गो-तस्कर भाइयों अकबर बंजारा और सलमान को 13 अप्रैल को मेरठ पुलिस ने पकड़ा था। इसके बाद 14 अप्रैल को असम पुलिस उन्हें बी-वारंट पर असम के कोकराझार ले गई थी। दोनों को असम ले जाकर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों की सात दिन की पीसीआर रिमांड मंजूर कर दिया। रिमांड पूरी होने के बाद अकबर बंजारा और सलमान पुलिस कस्टडी से फरार हो गए। इसके बाद पुलिस ने दोनों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान कोकराझार में हुए मुठभेड़ में दोनों पशु तस्कर मारे गए थे।

देश ही नहीं विदेश में फैला था गो तस्करी का कारोबार
अकबर ने अपना अवैध कारोबार असम, मेघालय, वेस्ट बंगाल, मिजोरम तक फैला लिया था। ये लोग बांग्लादेश तक बंद बॉडी के ट्रक (कंटेनर) से गोवंश पहुंचाते थे। अकबर बंजारा और उसके भाई सलमान ने गोमांस की सप्लाई कर मेरठ, बिजनौर और आस-पास के अन्य जिलों में 300 करोड़ की संपत्ति जुटा ली थी। पुलिस दोनों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई के तहत संपत्ति जब्त करने की तैयारी में थी। पुलिस ने इनकम टैक्स विभाग को भी लेटर लिखा था, ताकि उसकी संपत्ति की जांच हो सके। अकबर बंजारा बांग्लादेश में गोमांस की सप्लाई करता था।

मेरठ में बोलती थी तूती
अकबर बंजारा के नाम की फलावदा में दहशत थी। वह आए दिन गुंडागर्दी करता था, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती थी। योगी सरकार में भी अकबर खुलेआम गोमांस की सप्लाई कर रहा था। बजरंगदल मेरठ प्रांत के संयोजक विकास त्यागी, प्रांत साप्ताहिक मिलन प्रमुख प्रताप दीपक, अनुज राणा आदि ने 15 अप्रैल को इस मामले में असम राज्य के मुख्यमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा था। पत्र में बताया गया था कि दोनों पशु तस्कर भाइयों ने काली कमाई से करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली है, जिसे अवैध घोषित किया जाए। आरोपियों पर रासुका लगाने की मांग भी की गई थी।

नॉर्थ ईस्ट का था बाहुबली
अकबर बंजारा ने तस्करी और गौवंश मीट का एक ऐसा गैंग खड़ा किया जिसका मायाजाल बांग्लादेश तक फैला था। उसके गैंग में 150 से ज्यादा सदस्य हैं। यूपी में उसका नाम बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन अकबर को नॉर्थ ईस्ट का डॉन कहा जाता था। आंध्र प्रदेश और असम में ही नहीं, बल्कि नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में उसने बड़ा जाल बिछा रखा था। मेघालय, मिजोरम, असम सहित आस-पास के क्षेत्रों में अकबर बंजारा की तूती बोलती थी। मेघालय के रास्ते उसने बांग्लादेश तक गौ तस्करी शुरू की। धीरे-धीरे वो करोड़ों और फिर अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया।

यूपी एसओजी ने किया था गिरफ्तार
अकबर बंजारा को पकड़ने को पकड़ने के लिए असम पुलिस ने नॉर्थ इस्ट के कई राज्यों में दबिश दी, लेकिन हर बार वो भाग निकला। असम पुलिस कई बार मेरठ और फलावदा भी आई, लेकिन हर बार मुखबिरी हो गई और बंजारा भाग निकलाता। यूपी एसओजी को मामले की जानकारी मिली, तो मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। अकबर बंजारा के गिरोह का एक सदस्य पुलिस से मिल गया और उसी ने बताया कि अकबर बंजारा मेरठ आ रहा है। यूपी एसओजी ने जाल बिछाया और अकबर बंजारा व उसके भाई सलमान पकड़ा गया।

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