Rahul gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का सोमवार को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम (Sher-e-Kashmir Stadium) में बर्फबारी के बीच समापन हो गया। इस दौरान महासचिव प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) समेत कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई अन्य पार्टियों के नेता भी मौजूद रहे। समापन समारोह में राहुल गांधी ने कहा कि मुझसे कहा गया कि पूरे देश में पैदल यात्रा कर सकते हैं। लेकिन कश्मीर में नहीं कर सकते हैं। लोगों ने सलाह दी कि गाड़ी से यात्रा करें।
राहुल ने कहा कि कश्मीर में भी अपने घर के लोग हैं। मैं अपनो के बीच पैदल ही चलूंगा। नफरत करने वालों को मौका दिया, कि वह मेरी टी शर्ट का रंग लाल कर (make my T-shirt red) दें। गांधी ने सिखाया है कि जीना है, तो बिना डर के जीना है। जम्मू कश्मीर के लोगों ने दिल खोलकर प्यार दिया। बुजुर्गों और बच्चों ने आंसुओं से स्वागत किया।
राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ शिवजी की सोच है। थोड़ी सी गहराई में जाएंगे, तो इसे शून्यता कहते हैं। उन्होंने कहा कि शिवजी की सोच है, अपने आप पर, अपने अहंकार पर, अपने विचारों पर आक्रमण करना। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ इस्लाम में इसे फना कहा जाता है, सोच वही है।
राहुल गांधी ने कहा कि जो हम अपना किला बना लेते हैं। अपने ज्ञान, अपनी चीजों को लेकर उसी पर आक्रमण करना ही शून्यता और फना हैं। उन्होंने कहा कि इस धरती पर इन दोनों विचारधाराओं का गहरा रिश्ता है और ये सालों से है। इसी को हम कश्मीरियत कहते हैं।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा कि मुझे लग रहा था कि रास्ता आसान होगा। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा था कि चलना मुश्किल काम नहीं होगा। थोड़ा सा अहंकार आ गया। उन्होंने आगे कहा कि जैसा आ जाता है, लेकिन फिर बात बदल गई।
राहुल गांधी ने कहा कि कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू होने के कुछ दिन बाद घुटने में दिक्कत हो गई। उन्होंने कहा कि सारा अहंकार वहीं धराशायी हो गया। उन्होंने कहा कि फिर विचार आया कि कैसे चल पाऊंगा लेकिन मैंने किसी न किसी तरीके से यह काम पूरा कर दिया। उन्होंने कहा कि रास्ते में कई बार चलने में दर्द हुआ, मैंने यह दर्द कैसे भी करके सह लिया।
राहुल गांधी ने कहा कि छोटी लड़की ने मुझे यात्रा के दौरान मिली। उसने लिखा कि मुझे पता है कि आपके घुटने में दर्द है, क्योंकि जब आप उस पैर पर दबाव देते हैं, तो वो आपके चेहरे पर दिखता है। मैं आपके साथ नहीं चल सकी, लेकिन मैं दिल से आपके बगल में चलूंगी। मैं जानती हूं कि आप हम सभी के भविष्य के लिए चल रहे है, उसी दिन से मेरा दर्द गायब हो गया. महिलाओं की दास्तान सुनने को मिली।