पटना। नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ पिछले बुधवार को ली थी। उन्होंने 16 अगस्स्त को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। जिसमें 31 मंत्रियों को राज्यपाल फागू चौहान ने शपथ दिलाई थी। आरजेडी एमएलसी कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया। लेकिन बिहार के कानून मंत्री को लेकर सनसनीखेज खबर सामने आई है। जिस दिन उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली, उसी दिन उन्हें खुद को अपहरण के मामले में कोर्ट में सरेंडर करना था। इतना ही नहीं, कार्तिक कोर्ट की नजर में 8 साल से फरार हैं। कोर्ट के वारंट की कापी मीडिया में आने के बाद मंत्री ने कहा कि, मैंने अपने हलफनामे में सबकुछ दिया हुआ है। सारे आरोप निराधार हैं।
2014 में दर्ज हुआ था अपहरण का मामला
पटना के बिहटा थाने में राजीव रंजन का 2014 में अपहरण हुआ था। इस मामले में कार्तिक कुमार पर अपहरण का केस दर्ज हुआ था। बिहटा थाने में उनके साथ 17 अन्य लोग भी आरोपित हैं, जिनमें पूर्व विधायक अनंत सिंह और बंटू सिंह भी शामिल हैं। अपहरण केस में हाई कोर्ट ने कार्तिक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका फरवरी 2022 में खारिज कर दी थी। उन्हें कोर्ट के सामने सरेंडर करने और फिर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बेल के लिए अप्लाई करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कार्तिक कुमार ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया, ना ही जमानत के लिए अर्जी दी। इसके बाद 14 जुलाई को कार्तिक के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। 16 अगस्त को उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो पेश नहीं हुए।
मोकामा के रहने वाले हैं कानून मंत्री
कार्तिकेय सिंह आरजेडी के विधान पार्षद हैं। उन्होंने विधान परिषद चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार को पटखनी दी थी। मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं। मोकामा के शिवनार गांव निवासी कार्तिक की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया रही हैं। कार्तिकेय लालू यादव के करीबियों में एक हैं। इसी के चलते तेजस्वी ने कर्तिकेय को नीतीश सरकार में मंत्री बनवाया।
अनंत सिंह इन्हें मास्टर साहब कहकर बुलाते हैं
कानून मंत्री बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह के करीबी हैं। बताया जाता है कि अनंत सिंह इन्हें मास्टर साहब कहकर बुलाते हैं। अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं। वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थी। आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिक ने खुद को साबित किया। अनंत सिंह जेल में रहते हुए कार्तिक को एमएलसी बनाने में मदद की थी। फिलहाल अनंत सिंह को सजा होने की वजह से विधायकी गंवानी पड़ी है।
मंत्री ने दी सफाई तो बीजेपी ने इस्तीफा मांगा
कार्तिकेय सिंह ने कहा कि मुझ पर कोई आपराधिक केस नहीं है। आचार संहिता से संबंधित एक केस पर हुआ था। एमएलसी पहली बार बना और मंत्री बना हूं। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। महागठबंधन में अच्छा तालमेल है। बिहार में जंगलराज नहीं आया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के दावे में कोई दम नहीं है। नीतीश कहीं नहीं जाएंगे. महागठबंधन में ही रहेंगे। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने महागठबंधन सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में बाहुबलियों का बोलबाला है। कानून मंत्री कार्तिक को तुरंत बर्खास्त करें।