बिहार में जहरीली शराब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गले की फांस गई है। जहरीली शराब पीने मौतों से मौतों का आकड़ा बढ़कर 70 पहुंच गया है। इस मुद्दे पर विपक्ष बिहार विधानसभा से लेकर लोकसभा तक महागबंधन सरकार पर हमलावर है। बिहार से लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया। चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होने कहा कि बिहार में लगातार मौतें हो रही हैं। बिहार के सीएम कहते हैं कि जो पिएगा वो मरेगा।
लोकसभा सांसद चिराग ने शराबबंदी कानून के बाद भी प्रदेश में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक शराब से मेरे प्रदेश में हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ है। सरकार और प्रशासन इस पूरी घटना को दबाने का प्रयास कर रहा है। महागठबंधन के तमाम नेता खामोश हैं, क्योंकि वो भी इसमें लिप्त हैं। मैं आपके माध्यम से केंद्र सरकार से स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करता हूं। इन तमाम हत्याओं की सीबीआई जांच की मांग करता हूं।
नीति स्पष्ट नहीं है
चिराग पासवान ने नीतीश सरकार की ओर से पीड़ित परिजनों को मुआवजा नहीं दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में चिराग ने कहा था कि मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा जरूर दिया जाना चाहिए। मुख्यमत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि 2016 में गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 19 लोग मरे थे, तो पीड़ित परिवार वालों को मुआवजा दिया था।
मौतों के बाद पुलिस एक्शन में आई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति स्पष्ट नहीं है। कभी उन्होंने घर-घर शराब की दुकानें खुलवाईं। 2016 में उन्हें ज्ञान प्राप्ति हुई वो शराबबंदी ले आए। कभी मुआवजा देते हैं, कभी मना कर देते हैं। शराबकांड के बाद पुलिस का एक्शन जहरीली शराब कांड के बाद बिहार पुलिस हरकत में आई है। इस कांड में शामिल आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
ऑपरेशन क्लीन ड्राइव
एसआईटी के ऑपरेशन क्लीन ड्राइव में सारण जिले के इसुआपुर के कुख्यात शराब तस्कर अखिलेश राय उर्फ अखिलेश यादव को गिरफ्तार किया। इसके अलावा बिहार में अलग-अलग जगहों पर पुलिस की छापेमारी जारी है। इसके अलावा अब तक 6335 लीटर शराब और 21 वाहनों को जब्त किया गया है।