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बीजेपी के चाणक्य को देश की इस पॉवरफुल महिला नेता ने सियासी अखाड़े में दी मात, पीएम मोदी से नीतीश कुमार की दोस्ती तुड़वा बिहार में बनवा दी विपक्ष की सरकार

पटना । देश की सियासत में पिछले दो माह के दौरान कई सियासी घटनाएं सामने आईं। महाराष्ट्र में बीजेपी ने महाविकास अघाड़ी की सरकार को सत्ता से बेदखल कर शिंदे के नेत्त्व में नई सरकार बनवा दी। दूसरी तरफ विपक्ष ने पलटवार करते हुए बिहार की सत्ता से बीजेपी को हटा दिया। बुधवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बन गई। पर इन दो घटनाओं के पीछे दो कद्दावर नेताओं का अहम रोल रहा है। बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह का बुना चक्रव्यूह महाराष्ट्र में सफल रहा तो वही कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक दांव ने सबको चकित कर दिया। सोनिया गांधी से सीएम नीतीश कुमार की बातचीत के बाद ही एनडीए में फूट पड़ी और बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई।

अब यह बड़ा खुलासा
बिहार में महागठबंधन की नई सरकार के गठन के बाद से नित नए खुलासे हो रहे हैं। इस कड़ी में अब यह बड़ा खुलासा हुआ है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महागठबंधन की सरकार बनाने में मध्यस्थ की अहम भूमिका निभाई थी। इसका खुलासा कांग्रेस की विधायक प्रतिमा दास ने किया है। प्रतिमा दास ने कहा कि मैडम (सोनिया गांधी) ने महागठबंधन सरकार के गठन के लिए जिस तरीके से मध्यस्थता की भूमिका निभाई है उससे मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों को मंत्री पद के लिए अंतिम फैसला लेने का अधिकार पार्टी हाईकमान पर छोड़ देना चाहिए। कांग्रेस विधायिका ने कहा कि, 2024 से पहले पार्टी बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए अभी से जुट गई है। नीतीश कुमार के साथ आने से बीजेपी की हार तय हैं।

किसी को नहीं लगी भनक
एनडीए से नीतीश कुमार के बाहर जाने के बारे में किसी को कानों-कान खबर नहीं लगी। पूरा ऑपरेशन गुप्त रहा। गठबंधन टूटने से एक दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार से फोन पर बात की। नीतीश कुमार ने उनसे कहा कि, जिस तरह से आपके गिरिराज सिंह बयान देते रहते हैं, उसी तरह से कुछ नेता भी हमारे भी हैं, जो भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। गृहमंत्री से बातचीत से पहले ही नीतीश कुमार की सोनिया गांधी से बातचीत हो चुकी थी। सरकार में कौन मंत्री बनेंगा और कौन उपमुख्यमंत्री, इसकी पहले से पूरी प्लानिंग कर ली गई थी। सूत्र बताते हैं कि सोनिया गांधी ले ऑपरेशन बिहार को खुद लीड किया। जब मंगलवार को नीतीश बीजेपी से अगल हुए, तभी ऑपरेशन बिहार के बारे में राजनरतिक दलों को जानकारी हो पाई।

100 सीटों पर पड़ सकता है असर
कई बड़े अखबारों में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार हरि मिश्रा बताते है कि, विपक्ष ने महाराष्ट्र की बदला बिहार में सत्ता परिवर्तन कराकर ले लिया। मिश्रा, कहते हैं कि, सोनिया गांधी यूपीए की लीडर रहेंगी। जबकि नीतीश कुमार को सभी विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना पीएम उम्मीदवार घोषित कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड की करीब 100 सीटों पर बीजेपी को कड़ी टक्कर मिल सकती है। क्योंकि, नीतीश कुमार एक तो सबसे पहले वह ओबीसी समाज से आते हैं। यूपी में इनके समाल के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या हैं। जबकि दूसरी तरफ वह अन्य नेताओं के मुकाबले हिन्दी अच्छी बोल लेते हैं। साथ ही नीतीश कुमार की छवि एक इमानदार नेता के तौर पर भी जानी जाती है।

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