कानपुर: यूपी के चर्चित बिकरू कांड की गूंज देशभर में सुनी गई थी। बिकरू कांड के आरोपी अमर दुबे कुख्यात अपराधी विकास दुबे का राइट हैंड था। बिकरू कांड से ठीक तीन दिन पहले अमर दुबे की शादी खुशी से हुई थी। पुलिस ने खुशी दुबे को बिकरू कांड में आरोपी बनाया था। बिकरू कांड के बाद एफटीएफ ने अमर दुबे को एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया था। बुधवार को खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। खुशी को हर हफ्ते संबंधित थाने में हाजिरी लगानी होगी।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। बिकरू कांड के पांचवे दिन एसटीएफ ने हमीरपुर जिले में अमर दुबे को एनकाउंटर में मार दिया था। बिकरू कांड के दौरान खुशी नाबालिक थी। बालिग होने तक खुशी को बालसुधार गृह में रखा गया था। जब खुशी बालिग हो गई, तो उसे कानपुर देहात की माती जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है। इस लिए अब जेल में रखने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट को जमानत की शर्ते तय करने के निर्देश दिए हैं।
खुशी को लेकर हुई राजनीति
बिकरू कांड में खुशी को आरोपी बनाए जाने के मामले में कानपुर पुलिस हमेशा से बैक फुट पर नजर आई है। विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार पर ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। बसपा, सपा और कांग्रेस से प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर घेरने का काम किया था। विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने खुशी की बड़ी बहन नेहा तिवारी को कल्याणपुर विधानसभा सीट से टिकट दी थी।