जालौन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बुंदेलों को बड़ा तोहफा देने के लिए जनपद में आ रहे हैं। वह दोपहर 12 बजे करीब बंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ करेंगे और बुंदेली धरा के विकास के सफर में एक और कड़ी जोड़ेंगे। बता दें, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास पीएम मोदी ने 29 फरवरी 2020 को किया था। ये 296 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे महज 28 महीनों में ही बनकर तैयार हो गया। आगरा एक्सप्रेस-वे हो, यमुना एक्सप्रेस-वे हो या फिर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, ये सभी योजनाएं काफी पहले तैयार की गई और उन्हें जमीन पर उतारने में सालों गुजर गए। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे ने सरकारी योजनाओं की लेटतीफी की बातों को गलत साबित किया है।
कैथेरी टोल प्लाजा पर तैयारियां पूरी
चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोंड़ा गांव से इटावा के कुदरैल तक 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण समारोह को लेकर जालौन के कैथेरी टोल प्लाजा के पास तैयारी पूरी कर ली गई है। पांच किलोमीटर के दायरे में एक्सप्रेस-वे को भव्य तरीके से सजाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक समेत कई केंद्रीय और प्रदेश सरकार के मंत्री मौजूद रहेंगे।
पौधारोपण के बाद जनसभा को करेंगे संबोधिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशेष विमान से दिल्ली से चलकर सुबह 10ः30 बजे कानपुर स्थित वायु सेना के एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे। सुबह 10ः35 बजे कानपुर से तीनों लोग हेलीकाप्टर से 11.20 बजे जालौन के कैथेरी टोल प्लाजा पहुंचेंगे, यहां एक्सप्रेस-वे पर सात हेलीपैड बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री 11ः30 से दोपहर 12ः45 बजे तक लोकार्पण कार्यक्रम में रहेंगे।एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के साथ ही वह पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधारोपण करेंगे। वह यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
एक लाख की भीड़ आने का अनुमान
लोकार्पण समारोह को भव्य रूप देने के लिए उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने तैयारी पूरी कर ली है। कार्यक्रम में एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ होने का अनुमान है। सभी को व्यवस्थित तरीके से बैठाने के लिए अलग-अलग ब्लाक तैयार किए गए हैं। किस ब्लाक में कौन लोग बैठेंगे, यह पहले से ही निर्धारित किया जा चुका है। उधर, पीएम मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर मंडलायुक्त अजय शंकर पांडेय और डीएम चांदनी सिंह समेत आला अधिकारियों ने शुक्रवार को व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया।
छह लेन का किए जाने का प्रस्ताव
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को अभी फोर लेन का बनाया गया है। भविष्य में इसको छह लेन का किए जाने का प्रस्ताव है। एक्सप्रेस-वे को फरवरी 2023 तक पूरा किया जाना था, लेकिन सरकार की लगातार योजना पर ध्यान दिए जाने से आठ माह पहले ही निर्माण कार्य को पूरा कराने में सफलता मिली। करीब 850 दिनों में हुए एक्सप्रेस-वे के निर्माण की योजना को देखेंगे तो लगभग हर रोज करीब 350 मीटर एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने में सरकार सफल होती दिखी है। निर्माण योजना में तेजी का आलम यह रहा कि एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य पूरा कराए जाने में 1132 करोड़ रुपये की बचत हो गई।
7 जिलों को जोड़ेगा
यह एक्सप्रेस-वे राज्य के सात जिलों को जोड़ता है, जिसमें 13 इंटरचेंज प्वाइंट होंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से इटावा के पास जुड़ेगा। जिससे दिल्ली-एनसीआर के साथ लखनऊ वालों को भी बुंदेलखंड तक सीधा रूट मिल जाएगा।
इसके अलावा बुंदेलखंड से देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जाने में मदद मिल जाएगी।
6 घंटे में दिल्ली तक का सफर
चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर तय करने में पहले 9 से 10 घंटे का समय लगता था। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद अब वाहनों को दिल्ली तक पहुंचने में 5 से 6 घंटे का समय चलेगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के सात जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट शामिल हैं। इन इलाकों में एक्सप्रेसवे के साथ-साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को विकसित किया जा रहा है। यहां कई इंडस्ट्रियल यूनिट स्थापित की जाएगी।
कनेक्टिविटी को एक बड़ा बूस्ट इससे मिलने वाला
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रदेश में बनने वाले डिफेंस कॉरिडोर को भी सफल बनाने में मदद करने वाली है। बांदा और जालौन में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण शुरू किया हुआ है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट में एनएच 35 से जुड़ेगा। एनएच 35 झांसी को प्रयागराज से जोड़ता है। ऐसे में कनेक्टिविटी को एक बड़ा बूस्ट इससे मिलने वाला है।
यूपी का पांचवा एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के रूप में पांचवें एक्सप्रेसवे का काम पूरा कराया गया है। प्रदेश में इससे पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा से आगरा को जोड़ने वाला यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा से लखनऊ को जोड़ने वाला 302 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाला 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा कराया जा चुका है।