तहत 6 महीने से 6 साल तक के बच्चे को क्रेच में एडमिशन दिया जाएगा. कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी बनाई गई है..
हरियाणा सरकार प्रदेश की कामकाजी महिलाओं के लिए एक नई पॉलिसी लेकर आई है .जिसकी घोषणा मनोहर लाल खट्टर पहले ही कर चुके थे. अब इस पॉलिसी की अधिसूचना जारी की गई है. इस पॉलिसी का नाम हरियाणा सरकार की क्रेच पॉलिसी .जो कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ी सौगात माना जा रहा है.
हरियाणा के सरकारी और गैर सरकारी ऑफिसों में क्रेच पॉलिसी लागू किया गया है. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिलाओं की जरूरत को देखते हुए तैयार की गई है. पॉलिसी के तहत 6 महीने से 6 साल तक के बच्चे को क्रेच में एडमिशन दिया जाएगा. इसमें उस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को रखा जाएगा।
6 साल तक के बच्चों को मिलेगा एडमिशन
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तैयार हरियाणा राज्य क्रेच पॉलिसी-2022 को अधिसूचित कर दिया गया है. राज्यमंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने क्रेच पॉलिसी को लेकर कहा कि राज्य सरकार द्वारा कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी बनाई गई है.
6 महीने से 6 साल तक के बच्चे को क्रेच में एडमिशन दिया जाएगा और 8 से 10 घंटे तक बच्चे के रखने के अनुकूल क्रेच स्थापित किया जाएगा. क्रेच में कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के तहत कुशल एवं प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति का प्रावधान है. इस पॉलिसी के तहत क्रैच वर्कर को 15 हजार रुपये और सहायिका को 7500 हजार रुपये का वेतन दिया जाएगा.
इन संस्थाओं में क्रेच खोलना होगा अनिवार्य
महिला एवं बाल विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा के मुताबिक 50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच खोलना अनिवार्य होगा. क्रेच में बच्चों के खेलने के सामान और खिलौने के साथ ही पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा और शारीरिक व सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए तमाम इंतजाम होंगे।
16 जिलों में क्रेच को किया जाएगा अपडेट
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही 500 क्रेच खोलने के निर्देश जारी कर चुके हैं. प्रदेश में अभी तक 16 जिलों में 165 क्रेच चालू किए जा चुके हैं. इन्हें नई पॉलिसी के तहत अपग्रेड किया जाएगा.महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अच्छी क्वालिटी और आधुनिक सुविधाओं से लैस क्रेच खोलने के लिए मोबाइल क्रेच ऑर्गनाइजेशन के साथ एमओयू साइन किया जा चुका है.
सरकार वहन करेगी अपडेट का सारा खर्च
क्रेच महीने में 26 दिन खुले रहेंगे.बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर पेरेंट्स और स्टाफ के आई डी कार्ड भी बनाए जाएंगे. क्रेच में किसी भी बच्चे को अकेला नहीं रहने दिया जाएगा.हर वक्त वर्कर और सहायिका की बच्चों पर नज़र रहेगी. क्रेच में बच्चे को सुबह का नाश्ता, लंच और शाम को स्नैक्स भी दिया जाएगा.
जिसका सारा खर्च सरकार की ओर से वहन होगा.सफाई और स्वच्छता के लिए हर महीने एक हजार रुपए खर्च किए जाएंगे. क्रेच में बच्चों के सोने और फीडिंग रूम की भी व्यवस्था होगी.
क्रेच के लिए देने होंगे पैसे
कामकाजी महिलाओं के ऑफिस की क्रेच से अधिकतम दूरी 500 मीटर निर्धारित की गई है. क्रेच के लिए जिस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है. उन्हें प्रत्येक बच्चे के लिए 50 रुपये शुल्क देना होगा.
एक लाख से 1.80 लाख पर 100 रुपये 1.80 लाख से तीन लाख पर 250 रुपये, तीन लाख से 5 वार्षिक आय पर 350 रुपये, पांच लाख से अधिक पर 500 रुपये हर महीने देने होंगे.