नई नियुक्ति को लेकर आप सरकार व एलजी के बीच मतभेद के बीच यह पद जनवरी से खाली पड़ा है। केजरीवाल ने जनवरी में इस पद के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजीव कुमार श्रीवास्तव के नाम की सिफारिश की थी। लेकिन श्रीवास्तव ने जून में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए कार्यभार संभालने से खुद को अलग कर लिया था..
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष के नाम पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना बुधवार को बैठक कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही इन दोनों से “राजनीतिक कलह” से ऊपर उठने और इस पर चर्चा करने को कहा था कि डीईआरसी का प्रमुख कौन हो सकता है।
क्यों महत्वपूर्ण है डीईआरसी अध्यक्ष का पद?
अदालत इस मुद्दे पर बृहस्पतिवार को फिर विचार करेगी। एलजी और मुख्यमंत्री के बीच अभी तक बैठक इसलिए न हो सकी क्योंकि केजरीवाल गैर-भाजपा विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेने के लिए बेंगलुरु में थे। डीईआरसी अध्यक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यही आयोग राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दरें तय करता है।
जनवरी से खाली पड़ा है यह पद
नई नियुक्ति को लेकर आप सरकार व एलजी के बीच मतभेद के बीच यह पद जनवरी से खाली पड़ा है। केजरीवाल ने जनवरी में इस पद के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजीव कुमार श्रीवास्तव के नाम की सिफारिश की थी। लेकिन श्रीवास्तव ने जून में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए कार्यभार संभालने से खुद को अलग कर लिया था।
21 जून को मुख्यमंत्री ने नए डीईआरसी अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संगीत लोढ़ा के नाम की सिफारिश की। इस बीच केंद्र ने एक अधिसूचना के जरिये न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार को इस पद पर नियुक्त कर दिया।
आप सरकार ने इस नियुक्ति को “अवैध और असंवैधानिक” बताते हुए इसका विरोध किया और कहा कि ”बिजली” एक हस्तांतरित विषय है जो किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की निर्वाचित सरकार के ही अधिकार क्षेत्र में आता है। आम आदमी पार्टी ने बाद में इस नियुक्ति को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया।