Government of Rajasthan: राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में बजट पेश किया। इस दौरान एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) एक भारी चूक हो गई। सीएम ने पिछला बजट पेश (budget presented) कर दिया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष को आधे घंटे के लिए सदन स्थिगित करना पड़ा।
इसके बाद सीएम ने माफी भी मांगी कि गलती हो जाती है। लेकिन गहलोत भी चौंक गए कि बजट के पेपर में पुराने बजट के कागज कैसे आ गए। बजट में हुई इस चूक के बाद अब विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्ष के नेता सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि ’मुख्यमंत्री जी ने पुराना बजट पढ़ा, राजस्थान में अब बजट भी लीक हो रहा है।
सदन में हुई नारेबाजी
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी से बजट को स्थगित करने की मांग की। साथ ही कहा कि ये बजट पेश नहीं हो सकता। विधानसभा में विपक्ष ने ’राजस्थान का ये अपमान, नहीं सहेगा राजस्थान’ के नारे लगाए, तो वहीं सत्ता पक्ष के नेताओं ने भारत जोड़ों के नारे लगाए।
बजट का घोर का अपमान
विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान का दुर्भाग्य है कि राजस्थान का वित्त मंत्री जो पढ़ने आया है वो कागज़ ही कोई दूसरा निकल जाए। बजट का घोर अपमान हुआ है। बजट की संवेदनशीलता खत्म हुई है। वहीं, इस दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया सीएम की चूक पर मुस्कुराती नजर आईं।
वसुंधरा राजे ने कसा तंज
सीएम गहलोत की चूक पर पूर्व सीएम वंसुधरा राजे (former CM Vasundhara Raje) ने तंज कसा और कहा कि मैं सीएम थी, तो बजट को 2-3 बार पढ़कर चेक कर हाथ में लेती थी। बजट लीक नहीं हुआ, सीएम लापरवाही से बजट पेश करने आए, इस ढंग से प्रदेश चला रहे हैं, तो प्रदेश का भट्टा बैठना ही है। वसुंधरा राजे ने कहा आठ मिनट तक सीएम साहब पुराना बजट पढ़ते रहे। ये इतिहास में पहली बार हुआ है। हम लोग भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जब मैं मुख्यमंत्री थी तो बजट को 2-2, 3-3 बार पढ़के उसको चेक करके अपने हाथ में लेती थी। जो मुख्यमंत्री अपने इतने बड़े डॉक्यूमेंट को बिना चेक किए हाउस में आकर पुराने बजट को पढ़ सकता है। आप समझ सकते हो उसके हाथ में राज कितना सुरक्षित है। सुराज की बात इन्होंने शुरू की थी, ये सुराज नहीं कुराज ही है।
पूर्व सीएम ने कहा कि इश्यू लीक होने का है, क्योंकि लीक नहीं हुआ है। ये तो इनके ऑफिसर की बीच में गड़बड़ी है। इश्यू यह है कि कोई मुख्यमंत्री बिना बजट को पढ़े और देखे सुबह डॉक्यूमेंट को लेकर हाउस में इतनी केयरलैसनेस के साथ आता है। अगर वो अपने बजट को इतनी केयरलैसनेस के साथ पेश करने के लिए आया है, तो आप ये समझ सकते हो कि वो अपने प्रदेश को किस तरीके से चला रहा है। अगर इसी ढंग से चला रहा है तो उस प्रदेश का भट्टा तो बैठना ही है।