पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित के बीच जल्द ही एक नया विवाद शुरू हो सकता है. सीएम भगवंत मान ने राज्यपाल बनवारीलाल परोहित को तब चैलेंज किया जब उन्होंने पंजाब के फरीदकोट स्थित बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रबंधन को देखने के लिए एक बोर्ड नियुक्त किया, जबकि कुछ दिनों पहले राज्यपाल द्वारा बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति की गई थी..
उत्तर भारत के प्रसिद्ध डॉक्टर गुरप्रीत सिंह वंदर को इस बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है, जबकि बोर्ड के अंदर पंजाब के अन्य नामी डॉक्टरों के साथ ही सीएम भगवंत मान के करीबी विधायकों को भी शामिल किया गया है. आमतौर पर पंजाब की किसी भी मेडिकल यूनिवर्सिटी या अन्य यूनिवर्सिटी में इस तरह का प्रचलन नहीं है कि यूनिवर्सिटी के संचालन के लिए बोर्ड का गठन किया जाए. अगर किसी कारण से यूनिवर्सिटी में वाइस-चांसलर की नियुक्ति ना हो पा रही हो तभी इस तरह के बोर्ड का गठन किया जाता है.
सीएम मान ने की नए प्रचलन की शुरुआत
यूनिवर्सिटी के चांसलर पंजाब के राज्यपाल होते हैं और वो सीएम व उनकी कैबिनेट के द्वारा रिकमेंड किए गए नामों में से वाइस-चांसलर की नियुक्ति करते हैं, लेकिन सीएम भगवंत मान ने अस्पताल संचालन के लिए बोर्ड का गठन कर के एक नए प्रचलन की शुरुआत कर दी है. इसी वजह से माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सीएम भगवंत मान और गवर्नर एक बार फिर आमने-सामने हो सकते हैं.
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के बोर्ड में पंजाब के चीफ सेक्रेटरी सहित सेक्रेट्री फाइनेंस और मेडिकल एजुकेशन सेक्रेट्री भी कमेटी के सदस्य होंगे. सीएम भगवंत मान की करीबी मोगा की विधायक अमनदीप कौर और फरीदकोट के विधायक गुरुदित सेखों भी कमेटी की सदस्य होंगे. डीएमसी कॉलेज लुधियाना के डॉक्टर गुरप्रीत सिंह, डॉक्टर बिशव मोहन, डॉ राजेंद्र बंसल को भी बोर्ड में जगह दी गई है.
सीएम मान ने बोर्ड के सदस्यों को ट्वीट कर दी बधाई
कोटकपूरा के डॉक्टर पी एस बराड़ भी कमेटी के सदस्य होंगे. पटियाला के डॉक्टर के के अग्रवाल और डॉक्टर विशाल चोपड़ा भी कमेटी के सदस्य होंगे. सीएम भगवंत मान ने ट्वीट करके बोर्ड के सदस्यों को बधाई दी है और उनसे बाबा फरीद मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को आगे ले जाने के लिए काम करने की शुभकामनाएं दी है.