पटना। नीतीश कुमार ने बीते बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। आज मंगलवार को नीतीश कैबिनेट का विस्तार किया गया। जिसमें 31 मंत्रियों ने शपथ ली। इस मौके पर हम आपको बिहार के ‘सुशासन बाबू’ के राजनीतिक कॅरियर, परिवार और अन्य पहलुओं से रूबरू कराने जा रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार के परिवार का एक भी सदस्य राजनीति में नहीं है। सीएम की पत्नी स्कूल टीचर थीं। जबकि बेटा इंजीनियर है। रिश्तेदार भी राजनीति से दूर हैं।
नीतीश कुमार के पिता पेश से थे डॉक्टर
नीतीश कुमार का जन्म एक मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था। नीतीश कुमार की मां का नाम परमेश्वरी देवी था। पिता राम लखन सिंह आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। कुर्मी (पिछड़ी) जाति से आने वाले नीतीश की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई। बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकैनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद नीतीश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में काम करने लगे। नीतीश कुमार के परिवार में पांच भाई-बहन हैं। नीतीश के बड़े भाई सतीश कुमार किसान हैं। इसके अलावा नीतीश की तीन छोटी बहनें उषा देवी, इंदु देवी और प्रभा देवी हैं। सतीश की तरह बहनें भी राजनीति से दूर हैं।
नीतीश कुमार की पत्नी थीं स्कूल टीचर
नीतीश कुमार का विवाह 22 फरवरी 1973 को मंजू कुमारी सिन्हा के साथ हुआ था। मंजू बिहार में सरकारी स्कूल टीचर थीं। नीतीश कुमार की पत्नी मंजू का 2007 में निधन हो चुका है। मंजू और नीतीश के इकलौते बेटे निशांत कुमार ने बीआईटी से इंजीनियरिंग की है। निशांत राजनीति से दूर रहते हैं। निशांत खुद कह चुके हैं कि वो कभी भी राजनीति में नहीं आएंगे। नीतीश कुमार के बेटे कभी मीडिया में नहीं आते। वह अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। नौकरी से जो वेतन मिलता है, उसी से गृहस्थी चलाते हैं।
पहला विधानसभा चुनाव हार गए थे नीतीश कुमार
नीतीश कुमार जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े और राजनीति में आ गए। नीतीश कुमार को राजनीति में लाने में अहम भूमिका लालू यादव ने निभाई थी। कहा जाता है कि, लालू यादव से नीतीश कुमार से सियासत का ककहरा सीखा। नीतीश ने पहली बार 1977 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव हार गए। 1985 में फिर से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1987 में लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष बने। 1989 में बिहार की बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। अप्रैल 1990 से नवंबर 1990 तक केंद्रीय कृषि और सहकारिता मंत्री रहे। 1991 में दूसरी बार सांसद चुने गए।
लालू यादव के खिलाफ लड़ी सियासी जंग
1995 में बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जॉर्ज फर्नांडीस के साथ समता पार्टी की शुरुआत की। तब चुनाव में उनकी पार्टी केवल छह सीटें ही जीत सकी थी। 1996 में लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री, भूतल परिवहन मंत्री और कृषि मंत्री रहे। दो अगस्त 1999 में गैसल ट्रेन दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने केंद्रीय रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
2000 में पहली बार नीतीश कुमार बने मुख्यमंत्री
मार्च 2000 में वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, केवल सात दिनों तक ही उनका कार्यकाल रहा। इसके बाद 2005, 2010, 2013, 2015, 2017, 2020 में और 2022 में आठवीं बार मुख्यमंत्री बने। नीतीश कुमार की छवि एक इमानदार नेता को तौर पर गिनी जाती है। 16 फीसदी वोट रखने वानी जेडीयू पिछले कई वर्षों से बिहार की सत्ता में विराजमान है। नीतीश ही वह नेता हैं, जिन्होंने बिहार से लालू यादव को शिकस्त देकर सियासत से दूर कर दिया। हालांकि, 2022 में दोनों दल फिर एक साथ आए हैं।