पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग और नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने समान नागरिक संहिता पर मुख्यमंत्री मान के स्टैंड पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाबियों की यूसीसी विरोधी भावना को देखते हुए भगवंत मान ने यू-टर्न लिया है। बाजवा ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी से देश के सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण ताने-बाने को हुआ भारी नुकसान..
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िग ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर अलग रुख अपनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान से स्पष्टीकरण मांगा कि क्या AAP पंजाब के नेतृत्व से उस समय सलाह ली गई थी जब दिल्ली में बैठे उसके आकाओं ने समान नागरिक संहिता पर भाजपा को सैद्धांतिक समर्थन दिया था।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि वह किस पर भरोसा करे। क्योंकि भगवंत मान और ‘सुपर सीएम’ के समान नागरिक संहिता पर अलग-अलग विचार हैं। ऐसा लगता है कि पंजाब के सीएम ने पंजाब के लोगों की यूसीसी विरोधी भावनाओं को देखते हुए यह यू-टर्न लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप बाजवा और राजा वड़िग ने कहा कि उन्होंने और कांग्रेस ने पहले ही बता दिया था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी से देश के सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण ताने-बाने को भारी नुकसान होगा।
मुख्यमंत्री मान रबर स्टैंप हैं’
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों, जनजातियों और बहुसंख्यक समुदाय के कुछ वर्गों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बाजवा ने कहा कि अब भगवंत मान ने यूसीसी पर आप के रुख से खुद को अलग कर लिया है। इस उदाहरण से पता चलता है कि जब आप के शीर्ष नेतृत्व ने यूसीसी पर अपनी रणनीति तैयार की और तत्कालीन राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने आप को सैद्धांतिक समर्थन देने की घोषणा की तो आप की पंजाब इकाई को ध्यान में नहीं रखा गया।
इससे स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री मान निश्चित रूप से एक रबर स्टैंप हैं और आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलने के लिए दिल्ली में बैठा उसका शीर्ष नेतृत्व चला रहा है। बाजवा ने एक बयान में दोहराया कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में कथित ‘प्रशासनिक और वित्तीय’ अनियमितताओं का विशेष ऑडिट कराने का फैसला किया है।
इसके अलावा कथित शराब घोटाले की जांच भी चल रही थी। ऐसा लगता है कि आप की मंशा यूसीसी पर भाजपा का समर्थन कर केजरीवाल को बचाने की थी। उन्होंने कहा, “यह सच है कि हिंदुओं, सिखों, मुसलमान और इसे समुदाय के विवाह, जन्म और मृत्यु पर किए जाने वाले रीति-रिवाजों में अंतर है। इसी तरह, कुछ अलग-अलग जातियां और जनजातियां विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों का पालन करती हैं।